रांची। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सरकार से अबुआ आवास योजना को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने सरकार से श्वेत पत्र जारी करते हुए योजना की स्थिति को सार्वजनिक करने की मांग की। इस बाबत एक पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के गरीबों से वादे किये थे कि तीन कमरों वाला सुविधायुक्त पक्का मकान देंगे। चार साल बीत जाने के बाद सरकार ने अबुआ आवास योजना की शुरूआत की है। 23 जनवरी को खूंटी जिला के तोरपा से इस योजना की शुरूआत करते हुए कहा था, यह पहला ऐसा ऐतिहासिक अवसर है, जब झारखंड सरकार अपने दम पर अपने राज्य के बीस लाख लोगों को सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए तीन कमरों का आवास देने जा रही है। बाद में अलग-अलग जगहों पर बड़े-बड़े सरकारी समारोह में बताया कि चार साल में बीस लाख लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। जाहिर है राज्य के लाखों लोगों की नजरें इस योजना पर टिकी हैं।

अबुआ आवास योजना पर उठते रहे हैं सवाल
अमर बाउरी ने कहा कि अबुआ आवास योजना के लाभुकों के चयन से लेकर स्वीकृति, राशि आवंटन आदि प्रक्रियाओं को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं। पंचायत के प्रतिनिधियों की भी ढेर सारी शिकायतें रही हैं और इस संबंध में लगातार अधिकारियों को ज्ञापन देकर गड़बड़ी रोकने की मांग की जाती रही है। अबुआ आवास योजना को लेकर बड़ी आबादी के बीच आम धारणा है कि इसमें सरकारी अधिकारियों और बाबुओं की मर्जी चल रही है। आग्रह है कि अबुआ आवास योजना को लेकर सरकार एक श्वेत पत्र जारी करे, जिसमें यह बताया जाये कि वित्तीय वर्ष 2023 में राज्य के किन जिलों कितने आवास की स्वीकृति दी गयी है।

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