हाइकोर्ट ने कहा- सभी तथ्यों को जांच-परख कर जमानत दी है
रांची। सुप्रीम कोर्ट से सीएम हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इडी की याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाइकोर्ट के द्वारा हेमंत सोरेन को जमानत दिये जाने के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि इसमें हस्तक्षेप करने की गुंजाइश नहीं है। हाइकोर्ट ने सभी तथ्यों को जांच परख कर हेमंत सोरेन को जमानत दी है। हाइकोर्ट ने जमानत दिये जाने के दौरान सभी तथ्यों पर गौर करते हुए अपना निर्णय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अपना आॅब्जरवेशन देते हुए कहा कि इस आदेश से निचली अदालत में चल रहा ट्रायल प्रभावित नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई की, जिसमें कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाइकोर्ट द्वारा मिली जमानत को चुनौती दी गयी थी। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले की सुनवाई की।

दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत के खिलाफ ईडी की एसएलपी में कहा गया है कि हेमंत सोरेन की जमानत के संबंध में झारखंड हाईकोर्ट का आदेश गैर-कानूनी है। यह पीएमएलए एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ है। जमानत आदेश में हाईकोर्ट की टिप्पणियों पर भी ईडी ने आपत्ति जाहिर की है। ईडी ने कहा है कि हाईकोर्ट का यह कहना गलत है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है।

ईडी ने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश में कई प्रक्रियागत चूक और अनदेखी है। बता दे कि 28 जून को झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत प्रदान की थी। कोर्ट ने उन्हें 50-50 हजार के दो निजी मुचलके पर जमानत प्रदान करते हुए रिहा करने का आदेश दिया था। बड़गाई अंचल की 8।86 एकड़ जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा था कि हेमंत सोरेन पर जमीन कब्जा का जो आरोप लगा है ईडी ने उस संबंध में दस्तावेज पेश नहीं किए हैं। ईडी का निर्णय सोच पर आधारित है। ईडी द्वारा जो बयान लिए गए वह साबित नहीं कर पा रहे हैं कि हेमंत सोरेन जमीन घोटाला से जुड़े हैं। 31 जनवरी को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था।

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