-गिरफ्तार शमा परवीन के पाकिस्तानी संपर्क मिले
गांधीनगर। गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने आतंकवादी संगठन अलकायदा से कथित संबंधों के आरोप में कर्नाटक के बेंगलुरु से 30 साल की महिला शमा परवीन को गिरफ्तार किया है। एटीएस का दावा है कि शमा परवीन एक्यूआईएस (भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा) के ऑनलाइन टेरर मॉड्यूल का हिस्सा थी। एटीएस ने बताया है कि शमा परवीन मूलरूप से झारखंड की रहने वाली है। यह इस मॉड्यूल की पांचवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले इस मॉड्यूल के चार आतंकी गिरफ्तार हो चुके हैं।

गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने शमा की गिरफ्तारी को बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि महिला का पाकिस्तान कनेक्शन मिला है। वो ऑनलाइन आतंकवादी मॉडल पर काम करती है। गुजरात एटीएस के अनुसार, शमा परवीन इस पूरे मॉड्यूल की मुख्य साजिशकर्ता थी और लोगों को कट्टरपंथी बनाकर आतंकवादी गतिविधियों के लिए तैयार कर रही थी।

शमा अविवाहित है और बेरोजगार है। वह सोशल मीडिया के जरिए अलकायदा के टेरर मॉड्यूल को आगे बढ़ा रही थी। गुजरात एटीएस ने उसे गिरफ्तार करने के बाद बताया कि शमा परवीन सोशल मीडिया पर दो फेसबुक और एक इंस्टाग्राम अकाउंट से जिहाद फैला रही थी। इंस्टाग्राम अकाउंट पर 14 हजार से अधिक फॉलोवर्स हैं। गुजरात एटीएस के अनुसार 22 जुलाई को चार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था जो अलकायदा से जुड़े थे। इन आतंकियों से पूछताछ में शमा परवीन की जानकारी सामने आई थी। इसके बाद शमा परवीन को रडार पर लिया गया। एटीएस ने उसको बेंगलुरु से गिरफ्तार किया।

एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि अभी तक जांच में सामने आया है कि शमा परवीन जिहादी मानसिकता और गजवा ए हिंद के कई वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाकर हिंसा फैलाने का काम करती थी। बेंगलुरु में कुछ साल से ही परिवार के साथ रहती थी लेकिन अपने कमरे से जल्दी बाहर नहीं आती थी। शमा परवीन व्हाट्सएप के जरिए कई पाकिस्तानी अकाउंट्स के संपर्क में थी। इसे किसी प्रकार की कोई फंडिंग थी या इसके साथ अन्य कौन जुड़ा है, इसकी अब जांच की जाएगी। महिला को गिरफ्तार कर अहमदाबाद लाया गया है। रिमांड लेकर डिटेल जांच की जाएगी।

गुजरत एटीएस के अनुसार शमा परवीन बेंगलुरु के आरटी नगर में रह रही थी। वह इंस्टाग्राम अकाउंट strangers_nation02 और फेसबुक पेज “Strangers of The Nation” और “Strangers of The Nation 2” को चला रही थी। इनका उपयोग अल-कायदा नेता मौलाना असीम उमर के जिहादी भाषणों को फैलाने के लिए किया जाता था।

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