कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बाल विवाह को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। राज्य में ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी और महानगरीय क्षेत्रों में बाल विवाह के मामले अधिक दर्ज किए जा रहे हैं। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि जहां ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में बाल विवाह को लेकर अपेक्षाकृत अधिक जागरूकता देखी जा रही है, वहीं शहरों में स्थिति उतनी संतोषजनक नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल के शहरी और महानगरीय इलाकों में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की शादी होने का प्रतिशत 7.6 है। यह न केवल देशभर में शहरी क्षेत्रों के बीच सबसे अधिक है, बल्कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में भी काफी ज्यादा है। ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 5.2 प्रतिशत दर्ज किया गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। राज्य के ग्रामीण और शहरी—दोनों ही हिस्सों में बाल विवाह का प्रतिशत देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। लेकिन इससे भी बड़ा मुद्दा यह है कि शहरों में यह दर ग्रामीण इलाकों से अधिक पाई गई है।

राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सरकार की जागरूकता मुहिम ग्रामीण इलाकों में अपेक्षाकृत प्रभावी रही है, जबकि शहरी और महानगरीय क्षेत्रों में इसका असर उतना नहीं दिख रहा। उन्होंने यह भी कहा कि अब यह आवश्यक हो गया है कि शहरी इलाकों में जागरूकता अभियान की खामियों को पहचानकर उन्हें दूर किया जाए।

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