पश्चिम सिंहभूम। पश्चिम सिंहभूम जिले के जिला परिषद सभागार में दो दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों और पारंपरिक नेताओं को पेसा अधिनियम 1996 के अंतर्गत ग्राम सभा के अधिकार और जिम्मेदारियों की विस्तृत जानकारी दी गई। यह प्रशिक्षण पंचायती राज विभाग, झारखंड सरकार की ओर से आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं की भूमिका को सशक्त करना और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को उनकी संवैधानिक शक्तियों से परिचित कराना था।

प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर सुशांत कुमार और श्रीमती जयश्री कुंकल ने प्रतिभागियों को पेसा कानून के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्राम सभा न केवल निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेती है, बल्कि खनन, भूमि उपयोग, जल, जंगल और जमीन से जुड़े मसलों पर भी उसकी राय सर्वोपरि होती है। साथ ही, पारंपरिक सामाजिक व्यवस्थाओं की रक्षा और निगरानी में भी ग्राम सभा की अहम भूमिका होती है।

कार्यक्रम के दौरान जिला पंचायती राज पदाधिकारी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिनिधियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही निर्देश दिया कि सभी मास्टर ट्रेनर अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर पेसा अधिनियम से संबंधित जानकारी का प्रचार-प्रसार करें ताकि गांव-गांव में जागरूकता फैले और ग्रामीण अपने अधिकारों को जान सकें।

प्रशिक्षण में जिले के सभी प्रखंडों के प्रमुख, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, ग्राम मुंडा सहित बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को बेहद उपयोगी बताया और अपने क्षेत्रों में पेसा कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने की प्रतिबद्धता जताई।

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