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    Home»विशेष»बिहार में तेजस्वी यादव के लिए लग गया ‘पप्पू ब्रेक’
    विशेष

    बिहार में तेजस्वी यादव के लिए लग गया ‘पप्पू ब्रेक’

    shivam kumarBy shivam kumarJuly 16, 2025No Comments7 Mins Read
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    विशेष
    पप्पू यादव ने लोकसभा चुनाव में स्ट्राइक रेट के अनुसार सीट बंटवारे का दिया सुझाव
    कांग्रेस के दो बड़े नेताओं को सीएम फेस बता कर बजायी खतरे की घंटी
    राहुल के मंच पर चढ़ने से रोकने के अपमान का बदला लिया पप्पू यादव ने

    नमस्कार। आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
    बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों गठबंधनों ने तैयारी तेज कर दी है। महागठबंधन के घटक दलों की समन्वय समिति और उप समितियों की बैठक में सीट बंटवारे सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की गयी। इस बैठक के बाद दिल्ली में कांग्रेस की भी बैठक हुई, जिसमें राहुल गांधी के विशेष आमंत्रण पर पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी शामिल हुए। बैठक के बाद पप्पू यादव ने बिहार में इंडी अलायंस के नेता तेजस्वी यादव को अपरोक्ष रूप से तगड़ा झटका दिया है। पप्पू यादव ने पिछले लोकसभा चुनाव के स्ट्राइक रेट के आधार पर इंडी अलायंस में सीटों के बंटवारे की मांग की। इतना ही नहीं, उन्होंने साफ कह दिया कि तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस के दो नेता, राजेश राम और तारिक अनवर भी सीएम का चेहरा हो सकते हैं। यानी बकौल पप्पू यादव, तेजस्वी यादव अकेले सीएम का चेहरा नहीं हैं। पप्पू यादव के इन बयानों से साफ हो गया है कि बिहार में इंडी अलायंस की गाड़ी सही तरीके से नहीं चल रही है। इसमें अंदरूनी गड़बड़ी तो है ही, साथ ही उबड़-खाबड़ रास्ते पर चलने से इसकी हालत अभी से ही खराब हो चली है। ऐसे में सीटों के बंटवारे समेत दूसरे बड़े चुनावी मुद्दों पर गठबंधन के भीतर सहमति कैसे बनेगी, यह देखना बेहद दिलचस्प हो सकता है। उधर तेजस्वी यादव के लिए यह ‘पप्पू ब्रेक’ कितना कारगर होगा और इसका इंडी अलायंस की चुनावी संभावनाओं पर क्या असर होगा, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

    बिहार विधानसभा के आसन्न चुनाव के लिए मची आपाधापी के बीच विपक्षी महागठबंधन, यानी इंडी अलायंस के भीतर पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बड़ा तूफान पैदा कर दिया है। इंडी अलायंस की बैठक के बाद जहां उन्होंने सीट बंटवारे के नये फॉर्मूले को अपनाने का सुझाव दिया, वहीं कांग्रेस की बैठक में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद उन्होंने कह दिया है कि बिहार में इंडी अलायंस का चेहरा तेजस्वी यादव ही नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस के दो नेता, राजेश राम और तारिक अनवर भी हो सकते हैं। पप्पू यादव के इन बयानों को तेजस्वी यादव के लिए ‘पप्पू ब्रेक’ माना जा रहा है।

    संसदीय चुनाव में स्ट्राइक रेट के आधार पर हो सीटों का बंटवारा
    तीन दिन पहले इंडी अलायंस की बैठक के बाद पप्पू यादव ने साफ तौर पर कहा कि गठबंधन के भीतर सीटों का बंटवारा लोकसभा चुनाव के स्ट्राइक रेट के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंडी अलायंस में सीटों का बंटवारा पिछले लोकसभा चुनाव के आधार पर होना चाहिए। उस चुनाव में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सबसे शानदार रहा था। उन्होंने कहा कि वैसे दलों को सीट लेने से पहले सोचना चाहिए, जिनकी लोकसभा चुनाव में जमानत जब्त हो गयी थी। बता दें कि पप्पू यादव कांग्रेस के सीटों को लेकर लगातार अपनी बात रखते रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक सौ सीटों को लक्ष्य बना कर कम से कम 90 सीटों पर लड़ने को सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि बिहार में दलित, अति पिछड़ा, पिछड़ा अल्पसंख्यक, महिला, युवा और सभी समाज के गरीब कांग्रेस के भरोसे पर ही महागठबंधन से जुड़ेंगे, अन्यथा उनका भरोसा नहीं जगेगा। बिहार में विपक्ष को सभी वर्गों का वोट चाहिए, तभी बदलाव होगा। पप्पू यादव के इस बयान के बाद बयानबाजी भी तेज हो गयी थी।

    लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था
    पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से कांग्रेस ने नौ सीटों पर चुनाव लड़ा और तीन सीटें जीत ली थीं, जबकि उसके प्रमुख साझीदार राजद ने 26 सीटों पर दमखम दिखाया, पर केवल चार जीत पायी थी। इस तरह कांग्रेस का स्ट्राइक रेट राजद से बहुत बेहतर रहा था। माना जा रहा है कि सांसद पप्पू यादव इसी ओर इशारा कर रहे हैं।

    कांग्रेस के नेताओं को बताया सीएम चेहरा
    सीट बंटवारे पर पप्पू यादव के सुझाव के बाद पैदा हुआ तूफान अभी शांत भी नहीं हुआ था कि निर्दलीय सांसद ने एक और बड़ी बात कह दी। दिल्ली में कांग्रेस की विशेष बैठक में शामिल होने और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद निर्दलीय सांसद पूरे जोश में बाहर निकले। उन्होंने एक तरह से तेजस्वी यादव को गठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास भी कई काबिल नेता हैं, जो विधानसभा चुनाव में सीएम उम्मीदवार बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास दलित समाज से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम और मुस्लिम समुदाय से आने वाले सांसद तारिक अनवर जैसे सक्षम नेता हैं, जो सीएम उम्मीदवार हो सकते हैं। पूर्णिया सांसद ने राहुल गांधी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि जब भी अपने नेता से मिलता हूं, नयी ऊर्जा से भर जाता हूं। पप्पू यादव ने कहा कि बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है।

    अपने अपमान का बदला लिया पप्पू यादव ने
    राजनीतिक हलकों में पप्पू यादव के इन बयानों को नौ जुलाई को बिहार बंद के दौरान हुए उनके अपमान से जोड़ कर देखा जा रहा है। नौ जुलाई को इंडी अलायंस द्वारा बुलाये गये बिहार बंद के दौरान पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को राहुल गांधी के मंच पर चढ़ने नहीं दिया गया था। कहा जाता है कि ऐसा मंच पर मौजूद तेजस्वी यादव के इशारे पर किया गया था और इसे पप्पू यादव का अपमान बताया गया था।

    पप्पू यादव और लालू यादव का रिश्ता जगजाहिर
    पप्पू यादव और लालू यादव की दोस्ती और दुश्मनी की कहानी जगजाहिर है। जब दोनों में दोस्ती थी, तो पप्पू ने वह दोस्ती निभायी, जिसकी मिसाल दी जाती है। और अब जब दुश्मन है, तो तल्खी दिखती है, जिसमें दोस्ती की गुंजाइश बरकरार रहे। इसी गुंजाइश के लिए पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल भी हुए, टिकट की कोशिश भी की और जब टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव जीतकर सांसद बन गये और फिर से कांग्रेस के सुर में सुर मिलाने लगे। लेकिन शायद तेजस्वी से उनके सुर तो अभी नहीं ही मिल रहे हैं।

    लालू परिवार के विरोधी हैं पप्पू यादव
    कुछ लोग कहते हैं कि पप्पू यादव की राजनीतिक महत्वाकांक्षा ने ही उन्हें लालू यादव का दुश्मन बना दिया, तो कुछ लोग कहते हैं कि तेजस्वी यादव को बिहार की राजनीति में स्थापित करने के लिए लालू यादव ने पप्पू यादव को किनारे लगा दिया। कुछ लोगों का मानना है कि लालू परिवार की बाहुबली आनंद मोहन के परिवार से बढ़ी नजदीकियों ने पप्पू यादव को राजनीति में हाशिये पर डाल दिया। कारण चाहे कुछ भी हो, यह सच है कि पिछले एक दशक से पप्पू यादव लगातार लालू परिवार के खिलाफ झंडा उठाये हुए हैं। लालू परिवार भी पप्पू यादव को देखना नहीं चाहता। इस परिवार का पप्पू यादव से विरोध का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तेजस्वी यादव खुद पूर्णिया लोकसभा सीट से राजद की उम्मीदवार बीमा भारती के नामांकन में पहुंचे थे। इससे भी बात नहीं बनी, तो तेजस्वी यादव ने पूर्णिया में कैंप कर दिया, जिसमें पार्टी के 40 से ज्यादा विधायक पूर्णिया पहुंच गये, ताकि पप्पू यादव की हार सुनिश्चित की जा सके। पप्पू यादव ने कांग्रेस द्वारा टिकट नहीं दिये जाने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और बीमा भारती को हरा दिया।
    अब पप्पू यादव कांग्रेस की गाड़ी पर सवार होकर तेजस्वी की राह में बाधाएं तो खड़ी कर रहे हैं, लेकिन इसका सबसे बुरा असर पूरे इंडी अलायंस पर पड़ना स्वाभाविक है, क्योंकि गठबंधन के बिना एनडीए का मुकाबला असंभव नहीं, तो मुश्किल जरूर है।

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