रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार गांव-गांव में गरीब लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए कृतसंकल्पित है। लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के लिए उन्हें रोजगार से जोड़ना आवश्यक है। इसे लेकर मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड का गठन किया गया है। बोर्ड पेशेवर तरीके से काम करे। गांव की भौगोलिक स्थिति और जरूरत के अनुसार सर्वे कर लघु एवं कुटीर उद्योगों से लोगों को जोड़े। इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाये। वे बुधवार को झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड शासी निकाय की बैठक में बोल रहे थे।
रोजगार दिलाने के साथ उत्पादों की मार्केटिंग भी करेगा बोर्ड : मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड गांव के लोगों को प्रशिक्षण देने के साथ उन्हें आधारभूत संरचना मुहैया कराने और उत्पादित वस्तु की मार्केटिंग का काम करेगा। गुरुवार को इस बोर्ड से जुड़े लगभग 300 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा। इसमें चार प्रोजेक्ट, 24 डिस्ट्रिक और 260 ब्लॉक को-आॅर्डिनेटर शामिल रहेंगे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त अमित खरे, पंचायती राज सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव पूजा सिंघल, उद्योग निदेशक के रविकुमार, बोर्ड की सीइओ रेणु गोपीनाथ पाणिकर समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।
32,260 गांवों में एक-एक विलेज को-आॅर्डिनेटर: वर्णवाल
बैठक में उद्योग सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने बताया कि चार प्रोजेक्ट को-आॅर्डिनेटर के तहत 24 जिलों में एक-एक डिस्ट्रिक को-आॅर्डिनेटर रहेंगे। इनके अंतर्गत 260 प्रखंडों में एक-एक ब्लॉक को-आॅर्डिनेटर और उनके अंतर्गत 32,620 गांवों में एक-एक विलेज को-आॅर्डिनेटर बनाया जायेगा। इन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा। जिस गांव में लाह होता है, वहां लाह से संबंधित सामग्री का प्रशिक्षण देकर उनका निर्माण कराया जायेगा। इसी प्रकार जिन गांवों में तसर होता है, वहां तसर से संबंधित लघु उद्योग लगाये जायेंगे। पशुपालन, मुर्गीपालन आदि का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा।
साल के अंत तक शुरू हो जायेगा उत्पादन
पहले चरण में 24 डिस्ट्रिक को-आॅर्डिनेटर और 260 ब्लॉक को-आॅर्डिनेटर को प्रशिक्षित किया जायेगा। गांव की भौगोलिक स्थिति और ग्रामीणों की जरूरत का सर्वे किया जायेगा। इसके बाद अगले तीन माह में सभी 32,620 गांवों के विलेज को-आॅर्डिनेटर का प्रशिक्षण पूरा कर लिया जायेगा। साल के अंत तक सभी गांवों में लघु या कुटीर उद्योग की स्थापना कर उत्पादन का काम शुरू कर दिया जायेगा। बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। इस व्यवस्था से झारखंड के गांवों में खुशहाली और समृद्धि आयेगी।