रांची: राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अब बार-बार जाति प्रमाण पत्र बनवाने के चक्कर से राहत मिल गयी है। एक बार उनका बना हुआ जाति प्रमाण पत्र आजीवन वैध रहेगा। इसके पहले रघुवर सरकार ने इसकी वैधता बढ़ाकर तीन साल की थी। शनिवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सदन में घोषणा की कि एसटी-एससी के जाति प्रमाण पत्र की वैधता अब आजीवन होगी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि प्रखंड से बिचौलियागिरी और भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हर गरीब को सुविधा देने के लिए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया गया है। अब लोगों को जाति, आवासीय और आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रखंड का चक्कर नहीं लगाना पड़ोगा। उन्हें प्रखंड कार्यालय में लाइन भी नहीं लगानी पड़ेगी। पंचायत सेवक घर-घर जायेंगे, फार्म भरवायेंगे और प्रज्ञा केंद्र से प्रमाण पत्र बनवा कर संबंधित के घर पहुंचायेंगे।
दरअसल, सदन में आलमगीर आलम ने यह सवाल उठाया था कि प्रमाण पत्र बनाने को लेकर काफी परेशानी हो रही है। इस पर स्पीकर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जाति प्रमाण पत्र बार-बार क्यों बनाया जा रहा है। सीएम ने कहा कि अब सरकार ने नियुक्तियों के द्वार खोले हैं। इसलिए प्रमाण पत्र को लेकर भीड़ है। जहां तक जाति प्रमाण पत्र का सवाल है, तो एसटी का प्रमाण पूरे जीवन के लिए एक ही बार बनता है। अब इसमें एससी को भी जोड़ दिया जायेगा। ओबीसी का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस कारण अभी प्रमाण पत्र एक निश्चित अवधि के लिए बनाया जा रहा है। आय प्रमाण पत्र को भी सरकार ने एक साल तक वैधता अवधि बढ़ा दी है। वहीं, आवासीय प्रमाण पत्र की वैधता तीन साल बढ़ा दी गयी है।
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