तीन तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तलाक पीड़िताओं को राहत मिली है। उन्होंने अब केंद्र सरकार से जल्द से जल्द सख्त कानून बनाने की मांग उठाई है। बरेली की तलाक पीड़िता महिला फराह खान का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में फैसला देकर पीड़ितों को राहत दी है।

अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए सख्त कानून बनाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जो इस को जबरदस्ती लागू कराना चाहते हैं।पीड़िता ने कहा कि तलाक देने वाले शरीयत की बात करते हैं जबकि वह लोग इस्लाम की बारीकियां नहीं समझते। उलमा को कोर्ट के फैसले से कुछ सीख लेनी होगी। केंद्र की मोदी सरकार से मांग करते हैं कि वह ऐसा कानून बनाएं जिससे तीन तलाक देने और उस को लागू करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

तलाक पीड़िता फरजाना और तारा बी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं। अब सरकार को सख्त कानून बनाकर पहल कर पीड़िताओं को इंसाफ दिलाना है।

मुख्तार अब्बास नकवी की बहन ने मनाया तलाक पीडि़तों के साथ जश्न-

केंद्र मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन फरहत नकवी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले आने के बाद तमाम तलाक पीड़िताओं के साथ जश्न मनाया और एक दूसरे को मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया।

मोहल्ला गढ़िया स्थित मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नक़वी ने आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जश्न मनाया।का माहौल है। फरहत नकवी को भी उनके शौहर ने तलाक दिया था, इसके बाद से ही इस मुहिम में लग गईं।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही तमाम तलाक पीड़िता महिलाएं फरहत नकवी के घर पहुंची उनको लड्डू भी खिलाया।

उधर कानपुर में सुन्नी उलमा कॉउन्सिल समेत मुस्लिम महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। सुन्नी उलमा कौंसिल के महामंत्री और मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हाजी मोहम्मद सलीस ने कहा कि फैसला बिल्कुल दुरुस्त है।अगर मुस्लिम तंजीमों ने खुद यह फैसला कर लिया होता तो शायद रुसवाई न होती। इसके लिए लॉ बोर्ड को खत लिखे और जवाब भी आए लेकिन फैसला न कर सके।तलाक़ के खिलाफ सुर्खियों में आई सूफिया ने कहा कि इस फैसले की उम्मीद थी जो पूरी हुई।मुस्लिम समाज मे सुधार के लिए यह बड़ा कदम है। हलीम डिग्री कॉलेज में भी छात्राओ ने खुशी का इज़हार किया।

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