गुमला: रायडीह थाना क्षेत्र के पीबो गांव में 25 वर्षीय बुधवा बिझिया ने बहादुरी की मिसाल कायम की है। रक्षाबंधन पर बहन से किये गये वादे को निभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। बहन की जान आफत में पड़ा देख बुधवा खुद की जान की परवाह किये बगैर तीन-तीन भालू से भिड़ गया। ठीक ही कहा गया है कि हिम्मते मर्दा, मददे खुदा। इसका नतीजा सुखद ही आया। उसने भालू से अपनी और बहन की जान बचा ली। बुधवा की बहादुरी की कहानी गुमला में हर की जुबां पर है। हर कोई इसकी बहादुरी की चर्चा कर रहा है।
मंगलवार की अहले सुबह तीन भालू ने बुधवा की बहन पर हमला कर दिया। वह पास में ही खड़ा था। भालू उसकी ओर भी लपका। इस हमले में उसके सिर, पांव और शरीर के अन्य हिस्से में गंभीर चोटें आयी हंैै। बुधवा बिझिया अपनी छोटी बहन जितनी कुमारी के साथ टटाहीटंगर जंगल खुखड़ी चुनने के लिए गया था। इसी क्रम में तीन भालू ने हमला कर दिया। बुधवा लगभग 20 मिनट तक तीनों भालू से लड़ता रहा। हमले से घबराया बुधवा ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और भागने से ज्यादा उसने लड़ने को तरजीह दी। हाथ में पकडेÞ चाकू से भालू पर भी कई वार किये। थोडी देर गुत्थम-गुत्थी के बाद घायल भालू को वहां से भागना पड़ा। भालू जंगल की ओर भाग गया। इसके बाद बहन की घायल भाई की जान बचाने की जद्दोजहद शुरू हुई। छोटी बहन जितनी ने किसी तरह बुधवा को गांव तक लायी। घटना की जानकारी मिलने पर पीबो पंचायत समिति सदस्य विजय बाघवार और अन्य ग्रामीणों के सहयोग से घायल को सदर अस्पताल गुमला में भर्ती कराया गया। यहां इलाज चल रहा है। अस्पताल में भी डॉक्टर इसकी बहादुरी की कहानी कह रहे हैं।
भाई हो तो ऐसा! बहन की जान बचाने के लिए तीन भालुओं से लड़ा बुधवा
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