लखनऊ: मुजफ्फरनगर स्थित खतौली में हुई भीषण रेल दुर्घटना में दोषी अधिकारियो और कर्मचारियों पर सख्त कारर्वाई का मन बना रहा है. खबर है कि घटना को लेकर रेल विभाग एफआईआर दर्ज कराने पर विचार कर रहा है. शुरूआती जांच में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. इसे लेकर रेल मंत्रालय गंभीर है.

ज्ञात हो 19 अगस्त को उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे जिसमे 23 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. घटना की अभी तक की जांच में दोषी पाए गए 4 अफसरों को निलंबित कर दिया गया है. जबकि उत्तर रेलवे के जीएम, दिल्ली के डीआरएम और रेलवे बोर्ड के एक मेम्बर इन्जीनियरिंग को छुट्टी पर भेज दिया गया है और एक अफसर का तबादला कर दिया गया है. रेलवे बोर्ड मेम्बर पर कारर्वाई को बड़ी कारर्वाई माना जा रहा है.

जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है उनमें दिल्ली डिविजन के सीनियर डिविजनल इन्जीनियर आरके वर्मा, असिस्टेंट इन्जीनियर मेरठ-दिल्ली डिविजन के असिस्टेंट इन्जीनियर रोहित कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर मुजफ्फरनगर इंदरजीत सिंह तथा खतौली के जूनियर इंजीनियर प्रदीप कुमार शामिल हैं.

जांच कर रही टीम की रिपोर्ट में बताया गया है कि मौके पर मेंटेनेंस का काम चल रहा था. मरम्मत के कारण पटरी को काट कर अलग किया गया था लेकिन बाद में वापस उसी जगह रख दिया गया था, उसे जोड़ा नहीं गया था. यही नहीं वहां पर कोई ऐसा सिग्नल भी नहीं लगाया गया था जिससे यह पता चले कि यहाँ मरम्मत का कार्य चल रहा है.

लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं को लेकर रेल मंत्री किसी भी तरह कि ढिलाई देने के मूड में नहीं हैं. इसी कारण उन्होंने कल रेल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जिम्मेदारी तय कर नाम बताएं. इसके बाद ही यह कारर्वाई की गयी.

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