पटना: बिहार के भागलपुर में हुए 700 करोड़ से ज्यादा के घोटाले में आरोपी महेश मंडल की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि महेश मंडल की दोनों किडनियां खराब थी और वो लगातार डायलिसिस पर जिंदा थे। गिरफ्तारी के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। लोगों का कहना है कि जांच के डर से आरोपी महेश मंडल ने दुनिया छोड़ दी वहीं विपक्ष कह रहा है कि ये मौत संदिग्ध है।आपको बता दें कि आरोपी महेश मंडल को पुलिस ने भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड में उसके महल नुमा हवेली से गिरफ्तार किया था। जान कर हैरानी होगी कि नजीर की नौकरी करने वाले महेश मंडल ने आलीशान हवेली बनवाई थी जिसमें 26 कमरे थे। पूरी हवेली के ना सिर्फ कमरे यहां तक की बाथरूम में भी एसी लगा हुआ था।

महेश मंडल की मौत के बाद उनके परिजनों ने कहा कि वो पिछले कई सालों से बिमार चल रहे थे। दोनों किडनियां खराब थीं और हर तीन दिन पर डायलिसिस होती थी। मुंबई के हिंदुजा अस्पताल से उसका इलाज चल रहा था। गिरफ्तारी के बाद इलाज के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी गई जिसपर कोर्ट ने सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस ने वक्त पर डायलिसिस नहीं करवाया जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

भागलपुर के इस घोटाले में शहर के कई व्यापी और सृजन नाम की संस्था के संचालक मनोरमा देवी और उनके बेटे और बहु का नाम आ रहा है। अभी तक इस मामले में 11 एएफआईआर दर्ज हो चुके हैं।

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