गढ़वा: जिले में गुरूवार को धूमधाम से हरितालिका तीज मनाई गई। इस अवसर पर महिलाओं ने अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा तथा भगवान की पूजा.अर्चना की। तीज को लेकर महिलाएं सुबह से ही इसकी तैयारी में जुटी दिखी। महिलाओं ने तीज को ले गुजिया समेत अन्य सामग्री बनाया। साथ ही सामूहिक रूप से पूजा अर्चना भी की। जिला मुख्यालय गढ़वा में तीज को लेकर विभिन्न मंदिरों में भीड़ भाड़ रही। प्रसिद्ध गढ़देवी मंदिर , काली मंदिर, जोड़ा मंदिर, रामलला मंदिर सहित षहर के सभी मंदिरों में में बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची तथा तीज को लेकर पूजा अर्चना की। इसके अलावा विभिन्न मोहल्लों मे भी महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की। तीज को लेकर महिलाएं दुल्हन की तरह सज कर पूजा अर्चना करने पहुंची। महिलाओं ने दिन भर उपवास रखकर भगवान की पूजा की। साथ ही पति की लंबी उम्र की कामना भगवान से की।
सुहागिनों ने रखा हरितालिका व्रत
भवनाथपुर। अखंड सौभाग्यवती की मनोकामना के साथ सुहागिनों ने हरितालिका व्रत (तीज) प्रखंड के विभिन्न मंदिरों में विधिवत पूजा अर्चना कर मनाया गया।भवनाथपुर के सूर्य मंदिर,बाजार स्थित दुर्गा मंदिर,शिव मंदिर,प्रखण्ड परिसर स्थित मंदिर,टाउनशिप स्थित मा अष्टभुजी मंदिर सहित कई शिवालयों में सुहागिनों के साथ साथ बच्चे काफी संख्या में हरितालिका व्रत की कथा सुना एवं विधिवत पूजा अर्चना की। अष्टभुजी मंदिर के लव पंडित ने बताया कि हरितालिका दो शब्दों से बना है, हरित और तालिका। हरित का अर्थ है हरण करना और तालिका अर्थात सखी। यह पर्व भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, जिस कारण इसे तीज कहते है। इस व्रत को हरितालिका इसलिए कहा जाता है, क्योकि पार्वती की सखी (मित्र) उन्हें पिता के घर से हरण कर जंगल में ले गई थी।