रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर ज्यादा है, इसे कम करने के लिए चिकित्सक प्रतिदिन 5-10 गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज करें। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुरूप हर माह की नौ तारीख को समाजसेवा करें और दिन भर गर्भवती महिलाओं और बच्चों का नि:शुल्क इलाज करें। स्वस्थ झारखंड बनाने में चिकित्सकों की भूमिका अहम है। स्वस्थ झारखंड से ही हम सबल झारखंड बना सकते हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को रांची सदर अस्पताल में 200 बेड के मातृ-शिशु वार्ड का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।
मेडिकल ट्रेंड युवा नियुक्त होंगे पीएचसी में
सीएम ने कहा कि जिला अस्पतालों को भी आधुनिक बनाया जा रहा है, ताकि गांव के लोगों को रिम्स या सदर अस्पताल न जाना पड़े। स्वास्थ्य उपकेंद्रों को भी सुदृढ़ किया जा रहा है। गांव के बीएससी पास युवाओं को बेसिक मेडिकल कोर्स की ट्रेनिंग दिलायी जा रही है, ताकि वे स्वास्थ्य उपकेंद्र में छोटे-मोटे इलाज कर सकें। 2019 तक पहला बैच जमीनी स्तर पर काम करने लगेगा। झारखंड में अकाल मृत्यु न हो, स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हों, इसके लगातार प्रयास हो रहे हैं।
अगले तीन साल में 9 मेडिकल कॉलेज होंगे
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आजादी के 70 साल तक झारखंड में तीन मेडिकल कॉलेज थे। हमारी सरकार ने ढाई साल में 500-500 बेड की क्षमतावाले तीन और मेडिकल कॉलेज बनाने की शुरुआत कर दी है। ये दुमका, पलामू और हजारीबाग में बन रहे हैं। भारत सरकार ने कोडरमा, चाईबासा और बोकारो में तीन मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति प्रदान कर दी है। उन्होंने कहा कि आनेवाले तीन सालों में झारखंड में नौ मेडिकल कॉलेज हो जायेंगे। देवघर में एम्स दो वर्षों में शुरू हो जायेगा। टाटा ट्रस्ट के साथ रांची में कैंसर अस्पताल के निर्माण का काम भी जल्द शुरू होगा।
नर्सों की होगी नियुक्ति एएनएम को प्राथमिकता
सीएम ने कहा कि पिछले 14 वर्षों में राज्य में सिर्फ भवन बने, नियुक्तियां नहीं हुईं। इस कारण डॉक्टर के साथ साथ अन्य मेडिकल स्टाफ की भी हमारे राज्य में भारी कमी है। हमारी सरकार ने जरूरत को समझते हुए चिकित्सकों की बहाली शुरू की है। अब तक 536 चिकित्सकों की नियुक्ति की जा चुकी है। जल्द ही नर्सों की भरती की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसमें एएनएम को प्राथमिकता दी जायेगी।
कार्यक्रम में मंत्री सीपी सिंह, रामचंद्र चंद्रवंशी, विधायक जीतू चरण राम, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, भवन निगम के एमडी सुनील कुमार, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ सुमंत मिश्र, डिप्टी मेयर संजीव विजवर्गीय, आरआरडीए उपाध्यक्ष परमा सिंह समेत बड़ी संख्या में अधिकारी, चिकित्सक, पारा मेडिकलकर्मी उपस्थित थे।
दिसंबर 2018 तक और 300 बेड बढ़ जायेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हमने स्वास्थ्य सुविधा में सुधार के लिए कई प्रभावकारी कदम उठाये हंै। इसी का नतीजा है रांची में 200 शैय्यावाला सदर अस्पताल शुरू हो सका। दिसंबर 2018 तक और 300 बेड इसमें बढ़ जायेंगे। उन्हंोने कहा कि रांची में टाटा ट्रस्ट के सहयोग से जल्द ही कैंसर अस्पताल खोला जायेगा। रतन टाटा से हमने आग्रह किया है कि ट्रस्ट के माध्यम से गांव में गरीबी दूर करने में सहयोग करें।
संवेदनशील बनें डॉक्टर और नर्स
मुख्यमंत्री ने अस्पताल में गरीबों के साथ होनेवाले दुर्व्यवहार को लेकर चिंता जतायी। कहा कि डॉक्टर भगवान का रूप होते हंै। उनके अच्च्छे व्यवहार से ही मरीज आधे ठीक हो जाते हैं। गरीब उनके पास काफी आस लेकर आते हैं। इसलिए मरीजों के प्रति डॉक्टर और नर्स संवेदनशील बनें। उन्होंने कहा, मेडिकल स्टाफ को दक्ष बनाने के लिए मेडिकल आधारित स्किल डेवलेपमेंट की ट्रेनिंग दी जायेगी। साथ ही एटीआइ भवन में वर्तमान सभी मेडिकलकर्मियों को 15-15 दिनों का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
राज्य में 108 एंबुलेंस सेवा जल्द शुरू होगी
सीएम ने कहा कि राज्य में जल्द ही व्यापक रूप से 108 एंबुलेंस सेवाएं शुरू की जायेगी। ये आधुनिक उपकरणों से लैस होंगी। पूरे राज्य में 359 एंबुलेंस रहेंगी। दूर दराज के गांवों में भी 10-15 मिनट में एंबुलेंस पहुंच जायेगी और मरीज का इलाज शुरू हो सकेगा। स्वच्छता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल साफ-सुधरा होना चाहिए। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। सरकारी अस्पतालों में भी सभी के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड हो, ताकि दूर से ही संबंधित व्यक्ति की पहचान हो सके।