रविवार-सोमवार-मंगलवार तक गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बालरोग विभाग के एनआईसीयू और पीआईसीयू में पिछले 72 घंटों में 61 बच्चों की मौत हो गई है। इन मामलों को प्रदेश सरकार ने संज्ञान लिया है। बुधवार की शाम मण्डल आयुक्त अनिल कुमार और जिलाधिकारी राजीव रौतेला भी पहुंच गए। इसके पूर्व बुधवार को एडीएम सिटी रजनीश चंद्र, एडी हेल्थ डा. पुष्कर आनंद, पुलिस अधीक्षक गणेश साहा ने मेडिकल कालेज पहुंच प्राचार्य और डाक्टर से बात की।
बीते 24 घंटे में ही 25 बच्चों ने दम तोड़ दिया। मरने वालों में इंसेफेलाइटिस के 11 मरीज शामिल हैं। यही वो अस्पताल है जहां 10 अगस्त को ऑक्सीजन की कमी की वजह से 36 बच्चों की जान गई थी। एक बार फिर अस्पताल की लापरवाही सामने आई है। हालांकि प्रशासन ने इसे इंसेफेलाइटिस का मामला ही बताया है।

अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि यूपी में लगातार हो रही बारिश की वजह से बच्चों में कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं। डायरिया, डेंगू, पेट दर्द, बदहजमी के कारण बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं।

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ पीके सिंह बताते हैं कि बीआरडी अस्पताल में 27 और 28 अगस्त के दौरान 48 घंटे में 42 बच्चों की मौत हो चुकी है।

इनमें सात बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार से हुई है। डॉ पीके सिंह के मुताबिक, इन दिनों अस्पताल में बड़ी संख्या में बीमार बच्चे आ रहे हैं। उनका कहना है कि अस्पताल में इस वक्त ऑक्सीजन और दवाओं की कोई कमी नहीं है। लेकिन कई बच्चों की सेहत अस्पताल आने तक इतनी बिगड़ चुकी होती है कि डॉक्टर पूरी कोशिश के बावजूद उन्हें बचा नहीं पाते हैं।

बीआरडी में ऑक्सीजन त्रासदी के बाद बच्चों की मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। सबसे ज्यादा मौतें नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में हुई है। इस वार्ड में 119 नवजात भर्ती थे। दो दिनों में एनआईसीयू में 16 नवजातों की मौत हुई।

सोमवार को एनआईसीयू में 10 बच्चों की मौत हुई। रविवार को छह नवजातों ने दम तोड़ दिया।

बाल रोग विभाग में नवजातों के अलावा 225 मरीजों का इलाज हो रहा है। इनमें से इंसेफेलाइटिस के 106 मरीज भी शामिल हैं।

बीते दो दिनों में इस वार्ड में 26 मासूमों ने दम तोड़ दिया। सोमवार को 15 मासूमों की मौत हुई और रविवार को 11 ने दम तोड़ दिया। इनमें इंसेफेलाइटिस के मरीज भी शामिल हैं।

इंसेफेलाइटिस से बीते 24 घंटे में चार मासूमों की मौत हो गई। रविवार को सात मरीजों की मौत हुई थी।

मरने वालों में संतकबीर नगर की ममता, बलिया की श्वेता, कुशीनगर का प्रवीन और महराजगगंज के रितेश का नाम शामिल है। इस बीमारी के कारण इस वर्ष अब तक 179 मरीजों की मौत बीआरडी में हो चुकी है। इस बीमारी के कारण 724 मरीज भर्ती हुए। जिनमें से 106 का इलाज चल रहा है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version