रांची। एनआइए के विशेष न्यायाधीश नवनीत कुमार की कोर्ट ने रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में पूर्व मंत्री गोपाल सिंह पातर उर्फ राजा पीटर, कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन समेत 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया है। कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ लगे आरोप को एक-एक कर पढ़कर सुनाया, जिस पर सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए अपने ऊपर लगे आरोप को गलत बताया। आरोप गठन को लेकर सभी आरोपियों को कोर्ट में बिरसा मुंडा जेल से सशरीर पेश किया गया था। आरोप गठन के दौरान कोर्ट ने राजा पीटर से कहा, आपने षडयंत्र के तहत रमेश सिंह मुंडा की हत्या करायी है। आपने इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए हथियार एवं पैसा मुहैया कराया है। राजा पीटर ने अपने खिलाफ लगे आरोप से इनकार किया। कहा कि उन्हें षडयंत्र के तहत फंसाया गया है। इधर, कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन से कोर्ट ने कहा कि आप हार्डकोर सीपीआइ माओवादी हैं, आपका रमेश सिंह मुंडा के मर्डर में हाथ है। इस पर कुंदन ने कहा कि इस हत्याकांड में मेरा डायरेक्ट हाथ नहीं है। मेरा जो बयान है, वह मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज है।
इनके खिलाफ आरोप गठन : गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर, शेषनाथ सिंह खेरवार, नक्सली कुंदन पाहन, बलराम साहू, कृषि दांगिल उर्फ सुशील दांगिल, अमूस मुंडू, राजेश संथाल उर्फ राजेश, राधेश्याम बड़ाइक, प्रफुल्ल कुमार महतो उर्फ भक्ति महतो एवं जयगणेश उर्फ जयगणेश लोहरा के खिलाफ आरोप गठित किया गया।
हत्या एवं अन्य धाराओं में आरोप गठन : कोर्ट ने राजा पीटर, कुंदन पाहन, शेषनाथ सिंह, बलराम साहू पर हत्या एवं अन्य धाराओं में आरोप गठित किया है। राजा पीटर के खिलाफ आइपीसी की धारा 120बी सहपठित धारा 302, आर्म्स एक्ट की धारा 25(1) बी एवं 16, 17, 18 अन लॉफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट के तहत आरोप गठित किया गया है। वहीं नक्सली कुंदन पाहन के खिलाफ आइपीसी की धारा 120बी सहपठित धारा 302,आर्म्स एक्ट की धारा 25(1) बी एवं 16, 17, 18, 20 अन लॉफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट के तहत आरोप गठित किया। रमेश सिंह मुंडा के अंगरक्षक रहे शेषनाथ सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा 120बी सहपठित धारा 302 एवं 18, 20 अन लॉफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट के तहत आरोप गठित किया गया। दूसरी ओर नक्सली बलराम साहू के खिलाफ आइपीसी की धारा 120 बी सहपठित धारा 302, 396, आर्म्स एक्ट की धारा 25(1) बी एवं 16, 18, 20, 23 अन लॉफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट के तहत आरोप गठित किया गया।
जून 2017 से एनआइए कर रही मामले की जांच : रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड के मामले को एनआइए ने 28 जून 2017 को अपने हाथ में लेकर अनुसंधान शुरू किया था। मामले को लेकर एनआइए ने कांड संख्या 1/2017 दर्ज किया था। इससे पहले बुंडू थाना में केस दर्ज कर पुलिस जांच कर रही थी। एनआइए ने अनुसंधान के क्रम में राजा पीटर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी। इनमें से 12 आरोपी जेल में हैं। दो लोगों राम मोहन सिंह मुंडा एवं टिपरू को सरकारी गवाह बनाया गया है।