रांची। गैस आथोरिटी आफ इंडिया (गेल) के कार्यकारी निदेशक (पूर्वी क्षेत्र) केबी सिंह ने कहा कि पारंपरिक र्इधन की तुलना में सीएनजी पर्यावरण अनुकूल है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम को प्राकृतिक गैस ग्रिड से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत झारखंड में 551 किमी की पाइपलाइन बिछायी जानी है। इसमें झारखंड के 12 जिले चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो, रामगढ़, धनबाद, सरायकेला, रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, और पूर्वी सिंहभूम शामिल हैं। यह परियोजना पूर्वी भारत में उद्योगों को बढ़ावा देगी। गोरखपुर बरौनी और सिंदरी में उर्वरक संयंत्र के पुनरुद्धार के लिए प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने का कार्य भी करेगी।
1.25 लाख से अधिक वाहनों में सीएनजी की आपूर्ति की जायेगी
केबी सिंह ने कहा कि गेल द्वारा आगामी वर्षों में 1.25 लाख से अधिक वाहनों में सीएनजी आपूर्ति और 10.46 लाख घरों में पीएनजी की आपूर्ति के लिए रांची और जमशेदपुर में 22 सीएनजी स्टेशन कमीशन किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कैस्केड नामक विशेष कंटेनर्स में पटना से सड़क मार्ग द्वारा प्राकृतिक गैस रांची पहुंचाई जायेगी। इसके पश्चात प्राकृतिक गैस की आपूर्ति जगदीशपुर-हल्दिया एवं बोकारो-धमारा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के माध्यम से की जायेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पाइपलाइन निमार्णाधीन है, वर्ष 2020 तक इसे पूर्ण कर लिया जायेगा। श्री सिंह ने बताया कि तीन आटो निर्माता मैसर्स पियाजियो, बजाज और टीवीएस ने सीएनजी आॅटो वाहनों के लिए सहमति दी है। आॅटो रिक्शा मालिकों तथा ड्राइवरों के लिए सीएनजी उपयोग के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी किये जा रहे। इस अवसर पर मुख्य महा प्रबंधक एमपी महतो, उप महा प्रबंधक पवन त्रिपाठी एवं उप महा प्रबंधक ज्योति कुमार भी उपस्थित थे।

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