विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद कैंसर की तरह है और यह महामारी की तरह पूरी मानवता को प्रभावित करेगा। दुनिया अब भी इसके खिलाफ समग्र लड़ाई के लिए तैयार नहीं हो पाई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर में शुक्रवार को 19वें दरबारी सेठ मेमोरियल लेक्चर में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कहा कि महामारी और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रिया तब आती है जब काफी हद तक तबाही हो चुकी होती है इसलिए अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को ऐसे तंत्र का निर्माण करना चाहिए ताकि आतंकवाद को समर्थन देने वाला ढांचा खत्म हो जाए। पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि आतंकियों को पैदा करने वाले और उन्हें दूसरे देशों में भेजने वाले देश आज खुद को आतंकवाद के पीड़ित बता रहे हैं। हाल ही में एक देश ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के दवाब में स्वीकार किया है कि दुनिया के वांटेड आतंकी और संगठित अपराध के नेता उसके यहां मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक सोच का अभाव है, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य अभी भी कुछ मूलभूत सिद्धांतों को लेकर कुश्ती कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि 9/11 की घटना को 19 साल बीच चुके हैं और 26/11 को 12 साल हो चुके हैं। इस दौरान हमने आतंकवाद पर लगाम लगाने के कई प्रयास किए हैं जिसमें एफएटीएफ भी शामिल है। इसके बावजूद अभी तक हम एक समग्र रणनीति नहीं तैयार कर पायें हैं और कुछ संयुक्त राष्ट्र के सदस्य अब भी बुनियादी सिद्धांतों पर गतिरोध है।
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