रांची। केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने 18 अगस्त को होने वाली 41 कोल ब्लॉकों की नीलामी को दो महीने के लिए टाल दिया है। अब 29 अक्टूबर को नीलामी होगी। इसके लिए नये सिरे से कार्यक्रम जारी किये जोयेंगे। नीलामी स्थगित करने को लेकर मंत्रालय की तरफ से कोई कारण नहीं बताया गया है। हालांकि इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला और मजदूरों के विरोध को मुख्य कारण माना जा रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत व्यावसायिक खनन का निर्णय लिया है। इसके तहत 18 जून को 41 कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू करने की अधिसूचना जारी हुई थी। यह नीलामी 18 अगस्त को होनेवाली थी।

झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
नीलामी के लिए झारखंड के नौ कोल ब्लॉकों को चुना गया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 13 जून को केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र लिख कर नीलामी प्रक्रिया को स्थगित करने का आग्रह किया था। इसकी वजह लॉकडाउन को बताया गया था। केंद्र ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया था। इसके बाद झारखंड सरकार ने 21 जून को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोल ब्लॉकों की नीलामी के प्रति झारखंड सरकार के विरोध को देखते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी 30 जुलाई को रांची आये और मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर विस्तार से बातचीत की थी। उस दिन जोशी ने कहा था कि सभी मुद्दे सुलझ गये हैं। सीएम हेमंत ने कहा था कि उन्होंने अपनी बात रख दी है और अब फैसला केंद्र को लेना है।

मजदूर संगठन भी कर रहे हैं विरोध
कोल ब्लॉक नीलामी का मजदूर संगठन भी विरोध कर रहे हैं। सभी पांच केंद्रीय ट्रेड यूनियन इंटक, बीएमएस, एचएमएस और एटक ने इसी मुद्दे पर दो से चार जुलाई तक कोयला सेक्टर में हड़ताल की थी। उन्होंने 18 अगस्त को फिर से हड़ताल की घोषणा कर रखी है।

कोल ब्लॉक लेनेवाले लोग भी नहीं दिखा रहे रुचि
एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जेबीसीसीआइ सदस्य रमेंद्र कुमार ने कहा कि स्थितियां नीलामी के अनुकूल नहीं हैं। कोल ब्लॉक लेने वाले लोग भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसमें कानूनी अड़चन भी है। सीटू के वरीय नेता एवं जेबीसीसीआइ सदस्य डीडी रामानंदन ने कहा कि सरकार की मंशा ही साफ नहीं है।

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