दिल्ली हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट और दिल्ली की निचली अदालतों की ओर से पारित सभी अंतरिम आदेशों को 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ाने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल, जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किया।
हाईकोर्ट के आज के आदेश का मतलब ये है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी मामले में हाईकोर्ट या निचली अदालत ने 31 अगस्त या उसके पहले तक कोई अंतरिम आदेश दे रखी है तो वह 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट और निचली अदालतों के किसी भी मामले में यहां तक की रोक, जमानत, पेरोल से जुड़े मामले जिसमें 31 अगस्त या उसके पहले के अंतरिम आदेश दिए गए हैं उनकी समय सीमा खत्म हो गई है या खत्म होने वाली है उन मामलों में अंतरिम आदेश 31 अक्टूबर तक बढ़ाए जाते हैं।
आज सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि सभी पक्षों की सहमति से हम जल्द ही कोर्ट की खुली कार्यवाही शुरु करेंगे। 15 अगस्त को हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर सार्वजनिक परिवहन पूरे तरीके से उपलब्ध होने लगेगा और दिल्ली में कोरोना के संक्रमण की स्थिति स्थिर रहती है तो 1 सितंबर से धीरे-धीरे कोर्ट की खुली सुनवाई शुरू की जा सकती है। इसके लिए ग्रेडेड एक्शन प्लान बनाया जाएगा। 1 सितंबर से एक चौथाई कोर्ट में खुली सुनवाई शुरू की जा सकती है और बाकी कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई शुरु की जा सकती है।
हाईकोर्ट ने पिछले 13 जुलाई को सभी अंतरिम आदेशों को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था। हाईकोर्ट और निचली अदालतों में पहले ही 31 अगस्त तक कामकाज निलंबित किया जा चुका है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में पिछले 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है। दिल्ली में लॉकडाउन की वजह से दिल्ली की सभी अदालतों में अति सीमित कामकाज चल रहा है। कोर्ट ने यह आदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण, नगर निगमों, निचली अदालतों के सभी बार एसोसिएशंस और जिला अदालतों को भेज दिया है। कोर्ट ने कहा कि उसके इस आदेश से अगर किसी पक्षकार को कोई असुविधा होती है तो वह उचित राहत के लिए अर्जी दायर कर सकता है।