रांची। कहते हैं पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। अकसर ऐसे मामले सामने आते हैं, जब लोग किसी वजह से पढ़ाई छोड़ देते हैं, लेकिन बाद में शुरुआत की चाहत होती है और ऐसा ही एक मामला सामने आया है झारखंड में भी। जो कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत भी है। जी हां शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, जो 10वीं पास हैं, अब वह अपनी आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं। इसलिए बोकारो के नावाडीह के देवी महतो इंटर कॉलेज में उन्होंने सोमवार को इंटर में नामांकन कराया।
क्लास भी करेंगे और मंत्रालय भी संभालेंगे
एडमिशन कराने के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब वह उच्च शिक्षा हासिल करेंगे। इसलिए आर्ट्स संकाय में एडमिशन कराया है। कॉलेज के कार्यालय कक्ष में जाकर मंत्री श्री महतो ने नामांकन फॉर्म का शुल्क जमा किया। इसके बाद नामांकन फॉर्म भरा और 1100 रुपये नामांकन शुल्क के साथ उसे जमा करवाया। कॉलेज के प्राचार्य दिनेश प्रसाद वर्णवाल ने शिक्षा मंत्री का नामांकन लिया। नामांकन के बाद श्री महतो ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे क्लास भी करेंगे और मंत्रालय भी संभालेंगे। घर में किसानी का काम भी करेंगे, ताकि मेरे काम को देख कर अन्य लोग भी प्रेरित हों।
शिक्षा हासिल करने की कोई उम्र नहीं
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा हासिल करने की कोई उम्र सीमा नहीं होती। अन्य नौकरियों में रहते हुए लोग आइएएस, आइपीएस की तैयारी करते हैं और सफल भी होते हैं। मंत्री बनने के बाद कुछ लोगों को दिल में दर्द हुआ कि 10वीं पास को शिक्षा मंत्री बनाया गया है। कहा कि उनके अंदर कुछ करने का जज्बा है। वह ऐसे लोगों को कुछ नहीं कहेंगे। विधिवत पढ़ाई करके इंटर की परीक्षा पास करेंगे। कहा कि पूरे राज्य में 4,416 लीडर स्कूल खुलेंगे, जिसमें बेहतर से बेहतर सुविधाएं बच्चों को मिलेंगी। इसके फाइल पर उन्होंने साइन कर दिया है।
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने वर्ष 1995 में चंद्रपुरा प्रखंड के नेहरू उच्च विद्यालय तेलो से मैट्रिक की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की थी। देवी महतो महाविद्यालय की स्थापना मंत्री के सहयोग से ही हुआ है। अपने द्वारा स्थापित महाविद्यालय में अब स्वयं शिक्षा ग्रहण करेंगे। कहा कि जिस दिन शिक्षा मंत्री बने थे, उसी दिन सोच लिया था कि अब आगे की पढ़ाई करेंगे। बता दें कि चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रहे सुखराम उरांव ने विधायक रहते हुए दोबारा पढ़ाई शुरू की थी और स्नातक की डिग्री हासिल की थी।