सीएम ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा की
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योजना बनानी होगी। अन्यथा हम राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दे सकेंगे। झारखंड के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए कुलपति के साथ बैठक कर नियुक्ति में आ रही अड़चनों को यथाशीघ्र दूर करें। विभिन्न कॉलेजों में लाइब्रेरी की स्थिति ठीक नहीं है, उसे ठीक करें। आॅफलाइन के साथ-साथ आॅनलाइन लाइब्रेरी और छात्रों की मांग के अनुरूप पुस्तकों की उपलब्धता होनी चाहिए। विश्वविद्यालय प्रबंधन देश के अन्य राज्यों में बच्चों को दी जा रही शिक्षा के विभिन्न माध्यमों का आंकलन करे, जिससे यहां के छात्रों को भी बेहतर शिक्षा दी जा सके। ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं। मुख्यमंत्री उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे।मुख्यमंत्री ने विभाग अंतर्गत नवनिर्मित, निर्माणाधीन महाविद्यालयों, पॉलिटेक्निक संस्थानों, महिला महाविद्यालयों की स्थापना संबंधी परियोजनाओं की जानकारी ली। साथ ही, शिक्षा में गुणवत्ता को समाहित करने के लिए झारखंड एजुकेशन ग्रिड का प्रेजेंटेशन देख अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, निदेशक उच्च शिक्षा ए मुथु कुमार, निदेशक तकनीकी शिक्षा अरुण कुमार, विशेष सचिव कमलेश्वर प्रसाद, उप निदेशक डॉ विभा पांडे एवं अन्य उपस्थित थे।
राज्य के बच्चों को प्राथमिकता मिले
समीक्षा बैठक के क्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य में पीपीपी मोड पर स्थापित होने वाले संस्थानों की दिशा में किये गये कार्यों की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थापित होने वाले निजी विश्वविद्यालयों या संस्थानों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं से विभाग अवगत करायें। यह तय हो कि इन संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में झारखंड के अधिक से अधिक बच्चे पढ़ सकें।
बोकारो महिला कॉलेज की स्थिति सुधारें
मुख्यमंत्री में कहा कि बोकारो महिला कॉलेज की स्थिति सुधारें। सेल से वार्ता कर भवन लें और उस भवन में महिला कॉलेज को शिफ्ट करें। निर्मित अभियंत्रण कॉलेज के भवनों का उपयोग करें। जहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं हो रही है, वहां उसे डिग्री कॉलेज की पढ़ाई में उपयोग करें। इससे पूर्व क्षेत्र के बच्चों की मांग का आंकलन अवश्य करें, तत्पश्चात निर्णय लें।