भारतीय महिला हॉकी टीम (India Womens Hockey Team) के कोच शोर्ड मारिन (Sjoerd Marijne) ने अब टीम का साथ छोड़ने का फैसला किया है. शोर्ड मारिन ने शुक्रवार को ब्रॉन्ज मेडल मैच में टीम की हार के बाद ऐलान किया कि बतौर कोच ओलंपिक उनका आखिरी टूर्नामेंट था. बता दें मारिन की कोचिंग में भारतीय महिला हॉकी टीम ने ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. ब्रिटेन के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में 3-4 से हारने के बाद मारिन ने इस्तीफे की घोषणा की. नीरदलैंड के इस पूर्व खिलाड़ी ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरी अब कोई योजना नहीं है क्योंकि भारतीय महिला टीम के साथ मेरा ये आखिरी मैच था. अब टीम जानेका शोपमैन के हवाले है.’

यह पता चला है कि मारिन (Sjoerd Marijne) और टीम के विश्लेषणात्मक कोच जानेका शोपमैन दोनों को भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की ओर से कार्यकाल विस्तार की पेशकश की गई थी, लेकिन मुख्य कोच ने व्यक्तिगत कारणों से इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि शोपमैन के अब पूर्णकालिक आधार पर मारिन का पद संभालने की उम्मीद है.

16 महीने से अपने घर नहीं गए शोर्ड मारिन
मारिन को 2017 में भारतीय महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया था. उन्हें इसके बाद पुरुष टीम का कोच बना दिया गया. हालांकि 2018 में उन्हें फिर से महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया. मारिन ने नीदरलैंड के लिए खेला है, और उनकी देखरेख में नीदरलैंड की अंडर -21 महिला टीम ने विश्व कप खिताब और सीनियर महिला टीम ने 2015 में हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल्स में स्वर्ण पदक हासिल किया है. कोविड-19 महामारी के कारण लागू प्रतिबंधों की वजह से वह पिछले 16 महीने से अपने घर नहीं जा पाये हैं उनके इस्तीफे के फैसले को इससे जोड़कर देखा जा रहा है.

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