रांची । लगातार हो रही बारिश से झारखंड की राजधानी रांची समेत सभी जिले में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तर-पश्चिम और उससे सटे उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में दबाव के कारण शुक्रवार से झारखंड में बारिश हो रही है। वहीं शनिवार को हुई बारिश रिम्स में भरती मरीजों के लिए आफत लेकर आयी। रिम्स परिसर के अंदर दो दर्जन पेड़ गिर गये हैं। वहीं कई ऐसे पेड़ भी हैं, जिनकी टहनियां टूट कर सड़कों पर गिर गयी हैं। पेड़ के गिरने के कारण 11 हजार वोल्ट के तार भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये हैं। हालांकि बिजली विभाग द्वारा तारों की मरम्मत करायी जा रही है। रिम्स मेडिकल चौक निरोग मार्ग खुद रोगग्रस्त हो गया है। रिम्स में प्रवेश करने से पहले मरीजों का सामना जलजमाव से हो रहा है। बरियातू बूटी रोड की तरफ प्रवेश द्वार पर दोनों ही ओर जलजमाव है। रिम्स के बेसमेंट में स्थित हीमोफीलिया और फिजियोथेरेपी विभाग में बारिश होते ही जलजमाव हो जाता है। इस कारण फिजियोथेरेपी विभाग में इलाज के लिए आनेवाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही विभाग में रखे उपकरण भी खराब हो रहे हैं। यह स्थिति हर साल मानसून के वक्त देखने को मिलती है। बावजूद इसके रिम्स के अधिकारियों को इससे फर्क नहीं पड़ता है।
न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां दर्जनों ऐसे मरीज हैं, जिनका इलाज फर्श पर होता है। ऐसे में मानसून की बारिश मरीजों के लिए आफत की बारिश बन कर सामने आयी है। मरीज के तीमारदार अपने मरीजों को बचाने के लिए प्लास्टिक युक्त बेडशीट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इन सबके बीच सबसे अहम सवाल है कि बारिश के मौसम में मरीजों को इंफेक्शन का खतरा रहता है।
रिम्स में इन जगहों पर गिरा पेड़
रिम्स निदेशक आवास-एसबीआइ बैंक के पास
चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय से निदेशक कार्यालय जाने के रास्ते में
रिम्स स्टेडियम गेट नंबर-2 के पास दो पेड़ गिरा है
रिम्स चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय के पीछे किचन के पास
मोर्चरी के पास भी दो पेड़ गिरे हैं
गर्ल्स हॉस्टल के पास
हॉस्टल नंबर 5 में पेड़ गिरने से दीवार और शेड क्षतिग्रस्त
नवनिर्मित रैन बसेरा के पास भी पेड़ गिरा है
जीएनएम स्कूल ऑफ़ नर्सिंग बॉयज हॉस्टल के रास्ते में भी पेड़ गिरा
गर्ल्स हॉस्टल के पीछ
नर्सिंग हॉस्पिटल के सामने
हॉस्टल नंबर- 7 के पीछे