बेंगलुरु (आजाद सिपाही)। इसरो ने बुधवार को चौथी बार चंद्रयान-3 की ऑर्बिट बदली। यान अब चंद्रमा की 153 किमी ७163 किमी की करीब-करीब गोलाकार कक्षा में आ गया है। इसके लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने सुबह करीब 08:30 बजे यान के थ्रस्टर कुछ देर के लिए फायर किये। इससे पहले चंद्रयान 150 किमीे ७ 177 किमी की ऑर्बिट  में था। अब चंद्रयान ऐसी कक्षा में घूम रहा है, जिसमें उसकी चंद्रमा से सबसे कम दूरी 153 किमी और सबसे ज्यादा दूरी 163 किमी है। अब 17 अगस्त चंद्रयान के लिए काफी अहम दिन है। इस दिन इसरो चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग करेगा। 23 अगस्त को लैंडिंग होगी।

लूना-25 चांद की 100 किमी कक्षा में पहुंचा
मॉस्को (एजेंसी)। रूस का लूना-25 स्पेसक्राफ्ट 16 अगस्त को चांद की 100 किमी की कक्षा में पहुंचा। स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की ग्रेविटी में कैप्चर हो सके, इसके लिए इंजन कुछ देर के लिए फायर किया गया। लूना- 25 में केवल लैंडर है जो एक साल तक काम करेगा। इसे रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने 11 अगस्त को सोयूज 2.1बी रॉकेट के जरिए अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लांच किया गया था। स्पेसक्राफ्ट 21 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।

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