– भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर कोई भी नई पोस्ट न बनाने पर हुए सहमत
– एलएसी पर सैनिकों की संख्या न बढ़ाने और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन पर भी हुई रजामंदी

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच हुई 19वें दौर की सैन्य वार्ता में कई बड़े मुद्दों पर सहमति बनी है। गतिरोध के बावजूद दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब कोई नई पोस्ट न बनाने और हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने से परहेज करने पर सहमत हुए हैं। यह पहली बार है कि सीमा विवाद पर उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता दो दिनों तक चली और दो दिनों में कुल मिलाकर करीब 17 घंटे तक चर्चा हुई। बैठक में भारत ने डेप्सांग और डेमचोक समेत अन्य टकराव वाले पॉइंट से सैनिकों की जल्द वापसी को लेकर चीन पर दबाव डाला।

भारत-चीन के बीच मेजर जनरल स्तरीय यह बैठक 13-14 अगस्त को भारतीय सीमा पर चुशुल-मोल्डो में हुई थी। साढ़े तीन साल से चल रहे गतिरोध के बीच यह बैठक सबसे ज्यादा 70 घंटे तक चली, जिसमें हुई चर्चा और बनी सहमति की जानकारी अब निकलकर सामने आई है। दोनों पक्षों में इस बात पर पारस्परिक सहमति बनी है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब कोई नई पोस्ट नहीं बनाई जाएगी। इसके अलावा दोनों देश ड्रोन के जरिये हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने से परहेज करने और एलएसी पर सैनिकों की संख्या न बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं।

पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को हल करने के लिए हुई इस वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल पीके मिश्रा और मेजर जनरल हरिहरन ने किया था। बातचीत के दौरान पूर्वी लद्दाख में तनाव वाले इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने और तनाव कम करने पर चर्चा हुई। भारत की ओर से डेप्सांग और डेमचोक इलाके पर चर्चा की गई। दोनों देश गश्त की ‘सीमाओं’ को परिभाषित करने, एक-दूसरे की गश्त के बारे में पूर्व सूचना का आदान-प्रदान करने, सीमा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने और बफर जोन से दोनों पक्षों के सैनिकों को कम करने पर सहमत हुए हैं।

मई, 2020 में सीमा गतिरोध शुरू होने के बाद से दोनों देशों की सेनाओं के बीच डेप्सांग मैदान और डेमचोक क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी, पैन्गोंग झील, गोगरा (पीपी-17ए) और हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) से सैनिकों की वापसी के बावजूद अभी भी लद्दाख क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेनाओं के हजारों सैनिक और उन्नत हथियार तैनात हैं। भारतीय पक्ष डेप्सांग पॉइंट और सीएनएन जंक्शन पर सीमा मुद्दों को हल करने के लिए समाधान तलाश रहा है। चीन के साथ दौलत बेग ओल्डी (डीओबी) सेक्टर में डेप्सांग और डेमचोक सेक्टर में चार्डिंग नाला जंक्शन (सीएनजे) की समस्याएं अभी भी बातचीत की मेज पर हैं।

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