-स्वतंत्रता दिवस पर लालू-राबड़ी राज की आलोचना की, दूसरे दिन सुबह-सुबह अटलजी की समाधि पर पहुंच गये
आजाद सिपाही संवाददाता
पटना/नयी दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा, इसका अंदाजा लगाना बेहद कठिन है। वह कब क्या कर जायेंगे, कब अपने सहयोगी की आलोचना और कब विरोधी का पक्ष ले लेंगे, यह कहना संभव नहीं है। नीतीश बिहार में राजद के साथ मिल कर शासन कर रहे हैं। फिलहाल नये गठबंधन आइएनडीआइए के साथ हैं। यहां तक कि पिछले दिनों विपक्षी गठबंधन को एक मंच पर लाने के लिए प्रयासरत भी दिखे। इन सबके बीच स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मंगलवार को उन्होंने लालू-राबड़ी राज की आलोचना कर दी। इसके दूसरे दिन बुधवार की सुबह-सुबह अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर श्रद्धांजलि देने पहुंच गये। पिछले दो दिनों से नीतीश के क्रियाकलाप और बयान को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इतिहास गवाह है कि नीतीश का इस तरह का क्रियाकलाप पलटी मारने के फार्मूले की शुरूआत रही है।

क्या कहा नीतीश ने:
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार को आलोचना के जरिये अपने गठबंधन दल के साथियों को उनकी जमीन दिखाने का मौका 15 अगस्त को दिखा। स्वंतत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सूबे के लोगों को संबोधित करते हुए विकास की गाथा पढ़ रहे थे। इस विकास के व्याख्यान में नीतीश कुमार समालोचना करते-करते कुछ ऐसे उदाहरण दे गये, जो कहीं न कहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल को कठघरे में खड़ा कर गया। बखान करते-करते नीतीश कुमार कह गये कि बिहार में लालू-राबड़ी राज में विकास रुक गया था। जब नीतीश कुमार अपनी उपलब्धियां बताते परोक्ष रूप से राजद सरकार की आलोचना कर रहे थे, तब राजद सुप्रीमो लालू यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव वहीं मौजूद थे।

अटल जी के साथ अपने संबंधों को याद किया:
नीतीश कुमार बुधवार को सुबह-सुबह दिल्ली पहुंच गये। उन्होंने अटलजी की समाधि पर श्रद्धांजलि दी। यहां कहा कि कोरोना महामारी के कारण मैं अटलजी को श्रद्धांजलि देने दिल्ली नहीं आ पा रहा था। इस बार मौका मिला तो आया हूं। उन्होंने अटल जी के साथ बिताये पुराने दिनों को याद किया। नीतीश ने कहा कि वाजपेयी जी मुझ पर बहुत विश्वास करते थे। मुझे मुख्यमंत्री बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जब मैं पहली बार शपथ ग्रहण कर रहा था तो वाजपेयी जी पटना आये थे। उनकी सरकार में ही मंत्री बना था। नीतीश ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी।

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