रोम। ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कहा है कि समलैंगिकों समेत पूरे एलजीबीटी समुदाय के लिए कैथोलिक चर्च खुले हैं। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता के मार्ग पर उनका साथ देना हमारा कर्तव्य है लेकिन यह नियमों के दायरे में रहकर ही हो सकता है।
महिलाओं और समलैंगिकों को अन्य लोगों के मुकाबले अधिकार न मिलने संबंधी सवाल के जवाब में पोप फ्रांसिस ने कहा कि चर्च सभी के लिए खुले हैं लेकिन चर्च के अंदर के जीवन को नियंत्रित करने के लिए कुछ नियम हैं और इनका पालन करना जरूरी है। नियमों के मुताबिक ये लोग चर्च के कुछ संस्कारों में भाग नहीं ले सकते। इसका मतलब ये नहीं है कि उन पर प्रतिबंध है। चर्च के भीतर हर व्यक्ति को अपने तरीके से भगवान का सामना करना होता है।
उल्लेखनीय है कि पोप फ्रांसिस लगातार एलजीबीटी समुदाय के लिए चर्चों को ज्यादा स्वागतयोग्य बनाने के प्रयास कर रहे हैं। अपने बीते 10 साल के कार्यकाल के दौरान पोप फ्रांसिस ने कई सुधार किए हैं, जिनमें महिलाओं को चर्च में ज्यादा भूमिका देना, खासकर वेटिकन सिटी में उच्च पदों पर महिलाओं की नियुक्ति जैसे कदम शामिल हैं।