रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के छठे और अंतिम दिन शुक्रवार को विधायक प्रदीप यादव ने सदन में सवाल उठाया कि राज्य सरकार का केंद्र के पास करीब 35000 करोड रुपये बकाया है। बार-बार यह राशि केंद्र से मांगी जा रही है लेकिन नहीं मिलने के कारण राज्य में विकास का काम बाधित है। उन्होंने पूछा कि सरकार बकाया राशि वसूली के लिए क्या कोशिश कर रही है, जो कोशिश हो रही है क्या वह काफी है। क्या सरकार ने पता लगाया है कि सिर्फ भाजपा शासित राज्यों का ही पैसा केंद्र रोक कर रखती है।

इसपर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन को बताया कि राज्य सरकार का 35000 करोड़ रुपये से अधिक राशि केंद्र सरकार और केंद्र सरकार के उपक्रमों के पास बकाया है। इसे प्राप्त करने के लिए विभागीय प्रयास के अलावा राज्य सरकार नीति आयोग और पूर्वी क्षेत्र परिषद की बैठक में यह मामला उठाती रही है। राज्य सरकार के प्रयास से भू अधिग्रहण मद में 2532 करोड रुपये प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 2200 से अधिक की बकाया राशि है। इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों से पत्राचार किया गया है।

रामेश्वर उरांव ने सदन में बताया कि अगर केंद्र पैसे नहीं दे रही है तो राज्य सरकार केंद्र की कंपनियों पर सर्टिफिकेट केस कर सकती है लेकिन केस करना उचित नहीं होगा। 2019 के बाद से 25 हजार करोड़ अब तक कोल मिनिस्ट्री ने राज्य को दिए हैं। इससे यह मान लेना चाहिए कि हमें पैसे मिलेंगे।

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