पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन के बाद कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राज्य के विकास में की गयी सरकार की उपलब्धियों के बारे में उपस्थिति लोगों को बताया। इस दौरान उन्होंने बीच में राजनीतिक बयान भी दिये।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में नियोजित शिक्षकों का जिक्र करते हुए कहा कि नियोजित शिक्षकों को 4 हजार मिलता था, उसे उन्होंने 40 हजार तक पहुंचा दिया। अब उनके लिए और अच्छा करने का सोंच रहे हैं। पहले जो बीपीएससी से नयी बहाली हो रही है उसे हो जाने दीजिये, उसके बाद पहले से नियोजित शिक्षकों के लिए कुछ अच्छा फैसला लिया जायेगा। ,इसके लिए कमेटी बनेगी। उन्होंने बताया कि कैसे बिहार में वर्ष 2005 के बाद महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम हुआ है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने पुलिस सेवा में महिलाओं को 30 प्रतिशत का आरक्षण देकर आगे बढ़ाया है। इसी का नतीजा है कि महिलाएं बिहार के विकास में अपना योगदान कर रही हैं। उन्होंने जीविका योजना का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाएं आज सशक्त हुई हैं। इसमें जीविका योजना की अहम भूमिका रही है। पहले महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थी लेकिन अब हर क्षेत्र में बिहार की महिलाएं आगे बढ़ती दिख रही हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले कई सरकार में बिहार में पहले महिला सशक्तिकरण के लिए उस स्तर का काम नहीं हुआ था लेकिन जब से वे मुख्यमंत्री बने तब से बिहार में बड़े स्तर पर महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में काम हुआ है।

नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता संग्राम में आहुति देने वाले तमाम वीर सपूतों एवं स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनकी शहादत और कुर्बानियों अमर है। उनके संघर्ष और कुर्बानी के कारण ही हम सबों को आजादी का यह महान तोहफा मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने राज्य एवं देशवासियों से अपील की है कि वे आपसी भाईचारा, मेल-जोल, सद्भाव, सहिष्णुता का वातावरण बनाये रखें।

समारोह में बिहार सरकार के मंत्री,नेता,बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

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