रांची। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से हाल में दिये गये फैसले के अनुरूप यदि आदिवासियों का उप जनजातियों में वर्गीकरण करने के साथ राज्यों द्वारा क्रीमी लेयर का निर्धारण किया जाता है, तो इससे न केवल आदिवासियों की संस्कृति नष्ट हो जायेगी, बल्कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ भी है। श्री तिर्की ने इस मामले पर लोकसभा और राजयसभा में चर्चा की मांग करते हुए कहा कि यह देश के 13 करोड़ आदिवासियों से जुड़ा मामला है, जो इससे प्रभावित होंगे।
श्री तिर्की ने कहा कि हालांकि यह न्यायालय का मामला है, लेकिन फिर भी इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी को अपने राजनीतिक स्वार्थ के तहत राजनीतिक हित को गलत तरीके से साधने में ही मदद मिलेगी, जहां वह आदिवासियों को सामाजिक स्तर पर तोड़ना चाहती है। साथ ही आदिवासियों के बीच दीवार खड़ी कर हिंदुत्व की धार को मजबूत करना चाहती है। श्री तिर्की ने कहा कि भाजपा बांटो और राज करो की नीति पर काम कर रही है।

उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आदिवासियों की जमीनी स्थिति के साथ ही उनकी संस्कृति और आर्थिक परिस्थिति के संदर्भ में जान बूझकर आदिवासियों का पक्ष मजबूती के साथ न्यायालय के समक्ष नहीं रखा गया, जिस कारण ऐसा निर्णय सामने आया है। श्री तिर्की ने कहा कि यदि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया जाये, तो इससे जनजातीय समुदाय हाशिये पर चला जायेगा।

 

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