रांची। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद चंपाई सोरेन ने मंच पर मौजूद नेताओं का संताली में अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि जिस संगठन को उन्होंने खून-पसीने से सींचा, वहां उन्हें अपमानित किया गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने राजनीति से संन्यास लेना तय किया था, लेकिन जनता की दुख-तकलीफ और उनका विश्वास देख कर अलग पार्टी बनाने की सोची। फिर काफी मंथन के बाद राजनीति में रहने का फैसला किया। हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे लोग ही मेरी जासूसी करायेंगे। उन्होंने कहा कि पत्र के जरिये मैं अपनी पीड़ा व्यक्त कर चुका हूं।

मैं सोच चुका था कि मैं उस संगठन में नहीं रहूंगा, जिसमें मेरा मान न हो और जहां संगठन नाम की कोई चीज नहीं रह गयी हो। मैं साफ दिल का आदमी हूं। जिस आदमी ने झारखंड आंदोलन में संघर्ष किया है, जब उसकी जासूसी होने लगी, तो मैंने तय कर लिया कि अब मैं संन्यास की जगह सक्रिय राजनीति में रह कर जनता की सेवा करूंगा। चंपाई सोरेन ने कहा कि अगर संताल परगना को बचाना है, आदिवासियों को बचाना है, तो एक ही पार्टी यह काम कर सकती है। संताल को बचाने के लिए उन्होंने भाजपा में आने का फैसला किया। वह किसी भी कीमत पर झारखंड में आदिवासियों पर अत्याचार नहीं होने देंगे। घुसपैठियों को निकालने, आदिवासियों और उनकी जमीन को बचाने के लिए अपने पूर्वजों की तरह संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि दूसरी कोई भी राजनीतिक पार्टी आदिवासियों का सम्मान और विकास नहीं कर सकती है। भाजपा में शामिल होकर आदिवासियों के स्वाभिमान और सम्मान को बचाने का काम करेंगे। चंपाई ने कांग्रेस पर आदिवासियों की आवाज को दबाने का आरोप लगाया। चंपाई ने अपने भाषण में पूरा हमला कांग्रेस पर किया। उन्होंने आदिवासियों को उजाड़ने, आदिवासियों पर गोली चलवाने का सारा दोष कांग्र्रेस पर मढ़ा।

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