-झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रेस वार्ता पर भाजपा का पलटवार

-महिला सम्मान योजना के जरिए सरकार अपने लूट, खसोट और असफलताओं से ध्यान हटाने की असफल कोशिश कर रही

-वादा था महिलाओं को चूल्हा खर्चे में 2000 प्रतिमाह और गरीब परिवारों को 6000 प्रतिमाह देने का और मात्र 1000 रुपये प्रति माह देने का फॉर्म भराया जा रहा

-महिला उत्पीड़न की घटनाओं की संख्या चरम पर, सरकार इस मुद्दे पर मौन क्यों?

रांची। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रेस वार्ता पर पलटवार करते हुए सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन के रिकॉर्ड पर ही प्रश्न चिह्न खड़ा किया। प्रतुल ने कहा कि जो सरकार आज तक स्थानीय नीति और नियोजन नीति नहीं बन पायी, 1932 का खतियान लागू नहीं कर पायी, बेरोजगारों को 5000 एवं 7000 प्रति माह बेरोजगारी भत्ता नहीं दे पायी, ऐसी सरकार से उसकी राजनीतिक मृत्यु शैया पर किसी नयी योजना के सफल कार्यान्वयन की उम्मीद करना भी बेमानी है।

प्रतुल ने कहा कि दरअसल इस सरकार के भ्रष्टाचार ने झारखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल घूम आये। पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री अभी जेल में हंै। मुख्यमंत्री के तमाम दरबारी जेल के भीतर हैं। राज्य में हाहाकार मचा है। विधि व्यवस्था चौपट हो गयी है। इन सबसे ध्यान बांटने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बिना तैयारी के ‘मंइयां सम्मान योजना’ ले आये। प्रतुल ने कहा कि पहले ही चार दिनों में इस योजना के प्रति सरकार की मंशा की कलई खुल गयी। अधिकांश जगह सर्वर डाउन है। बिचौलिये हावी हैं। फार्म जमा नहीं हो पा रहा है। यह स्पष्ट दिखा रहा है कि चुनाव को देख कर सरकार की ओर से की गयी हड़बड़ी ने बड़ी गड़बड़ियां करा दीं।

प्रतुल ने कहा कि इस सरकार में महिला उत्पीड़न की घटनाओं ने झारखंड के पहले 19 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। पांच वर्षों में लगभग 7000 बहू- बेटियों की इज्जत लूटी गयी। सरकार ने आज तक श्वेत पत्र जारी करके यह नहीं बताया कि इसमें से कितने अभियुक्तों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए सजा दिलायी गयी। जानकारी के मुताबिक बहुसंख्य मामलों में तो चार्जशीट भी दाखिल नहीं हुई। प्रतुल ने कहा कि यह सरकार लूट, खसोट में इतनी लीन रही कि उसने अपने निश्चय पत्र को भी पलट कर नहीं देखा। एक बार निश्चय पत्र को देखने से पता चल जाता है कि उसमें की गयी कोई भी घोषणा लागू नहीं हुई।

अब झामुमो को यह भी याद नहीं कि उसके मेनिफेस्टो में महिलाओं को चूल्हा भत्ता में 2000 प्रतिमाह देने का प्रावधान है

प्रतुल ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर झारखंड मुक्ति मोर्चा को अब अपने निश्चय पत्र में किये गये वायदे भी याद नहीं है। आज की प्रेस वार्ता में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके मेनिफेस्टो में चूल्हा भत्ता का कोई जिक्र नहीं है, जबकि उनके ‘निश्चय पत्र’ के ‘महिलाओं के अधिकार’ चैप्टर में स्पष्ट रूप से लिखा है कि महिलाओं को प्रतिमाह 2000 चूल्हा खर्च के रूप में मिलेगा। प्रतुल ने कहा कि यही इस सरकार और पार्टी की महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता को दिखाता है। प्रतुल ने कहा कि अब अपनी विदाई की वेला में हेमंत सरकार सिर्फ अपनी असफलताओं से ध्यान हटाने के लिए रोज नयी नौटंकियां कर रही है, लेकिन जनता ने पांच साल का इनका असफल ट्रैक रिकॉर्ड देख लिया है। आगामी चुनाव में जनता झामुमो का सुपड़ा साफ कर देगी।

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