रांची। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में मंगलवार की शाम से हो रही बारिश के बाद स्वर्णरेखा परियोजना के चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ गया है। पिछले 24 घंटे में चांडिल डैम का जलस्तर 15 सेंटीमीटर बढ़ गया है। बुधवार की सुबह डैम का जलस्तर 181.70 मीटर तक पहुंच गया। लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए चांडिल डैम का एक और रेडियल गेट आधा मीटर खोल दिया गया। वर्तमान में डैम के पांच रेडियल गेट को खोले गये हैं। इनमें रेडियल गेट संख्या 6 को 35 सेंटीमीटर, गेट संख्या 7, 8 और 9 को 10-10 सेंटीमीटर और गेट संख्या 12 को आधा मीटर तक खोला गया है।
चार अगस्त को चांडिल डैम का जलस्तर 181.25 मीटर पहुंचने के बाद चार रेडियल गेटों को खोल दिया गया था। रेडियल गेट संख्या 6, 7, 8 और 9 को रविवार की सुबह आठ बजे 10-10 सेंटीमीटर तक खोल दिया गया था। बाद में गेट संख्या 6 को 25 सेंटीमीटर बढ़ाकर 35 सेंटीमीटर तक खोल दिया गया। इसके बावजूद धीमी गति से डैम का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।
बढ़ने लगी विस्थापितों की धड़कन
चांडिल डैम का जलस्तर जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे विस्थापितों की धड़कन भी बढ़ती जा रही है। डैम का पानी धीरे-धीरे गांव के समीप पहुंचने लगा है। ऐसे में गांव के जलमग्न होने की आशंका से विस्थापितों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखायी देने लगी हैं। चांडिल डैम का जलस्तर 182 मीटर से अधिक होते ही डूब क्षेत्र के गांवों में डैम का पानी घुसने लगता है। मुआवजा और संपूर्ण पुनर्वास की सुविधा से वंचित विस्थापित अब तक मजबूरन डूब क्षेत्र के गांवों में अपने घर पर रहने को विवश हैं। विस्थापितों का कहना है कि जब तक मुआवजा और संपूर्ण पुनर्वास की सुविधा सभी विस्थापितों को नहीं मिल जाती है, तब तक डैम का जल स्तर 177 मीटर तक रखा जाये।