रांची। झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य की पुलिस काफी सुस्त है। अधिकारी लापरवाह हैं। अपनी जिम्मेवारियों का सही तरीके से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। 15 साल से किसी मामले का आरोपित फरार रहता है, पुलिस को सुराग नहीं मिलता। लेकिन जैसे ही वरीय अधिकारियों को कोर्ट में बुलाया जाता है, आरोपित गिरफ्तार हो जाता है। इस गिरफ्तारी से क्या संदेश आम लोगों में जा रहा है, इस पर अधिकारियों को खुद विचार करना चाहिए। जस्टिस केपी देव की अदालत ने लातेहार से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि आखिर अधिकारी अपने दायित्वों का सही तरीके से पालन क्यों नहीं करते। हाइकोर्ट के आदेश का इंतजार क्यों करते हैं। क्या अब अदालत बतायेगी कि पुलिस को क्या करना है। पुलिस मैनुअल में सब कुछ है। इस मैनुअल के तहत काम क्यों नहीं किया जाता।
70 दिनों में सारे लंबित वारंट तामिला कर मांगी रिपोर्ट
अदालत ने डीजीपी को 70 दिनों के अंदर राज्य में लंबित सभी वारंट का तामिला कर कोर्ट को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान राज्य के गृह सचिव, डीजीपी, जोनल आइजी, डीआइजी, लातेहार के एसपी और बरवाडीह थाना प्रभारी और मामले के अनुसंधान अधिकारी मौजूद थे। पिछली सुनवाई में अदालत ने सभी को अदालत में सशरीर हाजिर होने का आदेश दिया था।
एसपी पर बनता है अवमानना का मामला
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लातेहार एसपी से कहा कि आप थाना जाते होंगे। थानों में वारंट को लेकर रजिस्टर भी होता है। क्या आप बता सकते हैं कि आपके जिला में कितने मामले लंबित हैं। कितने स्थायी वारंट का तामिला नहीं हो सका है। यदि तामिला नहीं हो रहा तो कितने अधिकारियों पर आपने कार्रवाई की। एसपी इसका जवाब नहीं दे सके। इस पर कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेश को हल्के में लेने की कोशिश न करें। आपमें यह धारणा है कि कोर्ट आदेश देकर भूल जाता है, तो इसे निकाल दें। कोर्ट हर केस की मॉनिटरिंग करता है। आप पर अवमानना का मामला भी बन सकता है।
नोडल अधिकारी बन मस्ती करते हैं
कोर्ट ने कहा कि पुलिस के नोडल अधिकारी हर दिन कोर्ट आते हैं। लेकिन कोर्ट के आदेश की जानकारी विभाग को नहीं मिलती। लगता है वह आदेश समझते नहीं हैं। दरअसल दूर दराज के इलाके में पोस्टिंग से बचने के लिए ऐसे लोग नोडल अधिकारी बनते हैं। विभाग को इस पर भी गौर करने की जरूरत है।
डीजीपी ने मांगा 60 दिन कोर्ट ने दिया 70 दिन
सुनवाई के दौरान डीजीपी ने अदालत को बताया कि फरार दशरथ सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी जिलों के एसपी को वारंट का तामीला करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने अदालत से 60 दिनों का समय मांगा और कहा कि सभी का तामिला कर दिया जायेगा। इस पर कोर्ट ने कहा – हम आपको 70 दिन का समय देते हैं। 70 दिनों में वारंट का तामिला कर रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करें।