नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई के खिलाफ कांग्रेस की ओर से बुलाए गए भारत बंद की अगुवाई के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी राजघाट पहुंचे. राहुल गांधी बीते कुछ दिनों से मानसरोवर की यात्रा पर गए हुए थे और वहां से लौटकर वह सीधे बंद को समर्थन करने के लिए सड़कों पर उतरे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और उन्होंने कैलाश झील से लाए गए जल को बापू की समाधि पर चढ़ाया. इसके बाद उन्होंने मार्च की अगुवाई है, राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं समेत विपक्ष के के कई नेता भी राजघाट से महंगाई के खिलाफ मार्च पर निकल चुके हैं और यह मार्च अपने अंतिम पड़ाव रामलीला मैदान पहुंच गया है।
विपक्षी दलों के तमाम नेता यहां धरने पर बैठे हुए हैं। रामलीला मैदान पर विपक्ष के धरने में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी पहुंचे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सभी विपक्षी दलों को एक होना होगा, छोटे मुद्दों को भूल लोगों की आवाज़ को उठाना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार बदलने का वक्त आने वाला है, मोदी सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है।
विपक्ष के मार्च में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और टीएमसी नेता भी नजर आए। हालांकि दोनों दलों की ओर से पहले यह कहा गया था कि वह इस भारत बंद का हिस्सा नहीं होंगे। AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि छोटे-मोटे विरोधों को दरकिनार कर हम सभी बढ़ती महंगाई के खिलाफ एकजुट होने को तैयार हैं।
मार्च में शामिल होने एनसीपी प्रमुख शरद पवार खुद पहुंचे हुए थे। इसके अलावा शरद यादव, तारिक अनवर, आरजेडी से मनोज झा, जेडीएस से दानिश अली, RLD से जयंत चौधरी जैसे तमाम बड़े नेता इस मार्च में राहुल गांधी के साथ शामिल हुए।
बंद को 21 विपक्षी दलों का समर्थन
कांग्रेस की ओर से बुलाए गए इस बंद को 20 से ज्यादा दलों का समर्थन हासिल है। बंद को दौरान देश के विभिन्न राज्यों में विपक्षी दल विरोध प्रदर्शन कर अलग-अलग मुद्दों पर मोदी सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त कर रहे हैं। कांग्रेस ने सीधे तौर पर महंगाई के खिलाफ इस बंद का आह्वान किया है लेकिन विभिन्न दलों के अपने-अपने मुद्दे भी हैं जिनको लेकर वो आज सड़कों पर उतर रहे हैं।