नई दिल्ली। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या द्वारा भारत छोडऩे से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से अपनी मुलाकात का दावा करने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है। हालांकि, जेटली ने माल्या के बयान को ‘‘तथ्यात्मक तौर पर गलत’’ करार दिया। वहीं विजय माल्या के दावों के बाद कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया ने चौंकाने वाला बयान दे दिया है।
पीएल पुनिया ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, हां, मैंने खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली और विजय माल्या को संसद के सेंट्रल हॉल में एक-दूसरे से बातचीत करते हुए देखा था। चाहे तो सबूत के तौर पर उस दिन की सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद बात पूरी तरह साबित हो सकती है। इस बात की सत्यता की जांच संसद भवन की उस दिन की सीसीटीवी फुटेज से की जा सकती है।
राहुल गांधी ने किया था टवीट : इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले में तत्काल स्वंतत्र जांच का आदेश देना चाहिए और जांच होने तक जेटली को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। गांधी ने ट्वीट कर कहा,‘’लंदन में आज माल्या की ओर से लगाये गए अति गंभीर आरोपों को देखते हुए प्रधानमंत्री को तत्काल स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए। जब तक जांच चलती है तब तक अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद से हट जाना चाहिए।‘‘
बता दें कि अदालत के बाहर भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या ने बताया था कि उसने देश छोडऩे से पहले वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी। बैंक ने सेटलमेंट लेटर पर आपत्ति जताई थी। माल्या ने कहा, मैं भारत से रवाना हुआ, क्योंकि मेरा जेनेवा में एक मुलाकात का कार्यक्रम था। माल्या ने कहा कि आईडीबीआई बैंक के अधिकारी किंगफिशर को हुए घाटे से अच्छी तरह वाकिफ थे। बैंक अधिकारियों के ई-मेल से यह बात साबित होती है। ऐसे में सरकार ने उन पर कंपनी को हुए घाटे को छिपाने का जो आरोप लगाया है, वो आधारहीन है।