रांची। सीएम आवास के सामने एसपीओ की हत्या : सात सितंबर की शाम झारखंड के सबसे सेफ जोन कहे जानेवाले सीएम आवास के सामने बेखौफ अपराधियों ने पुलिस के लिए मुखबिरी करनेवाले बुंडू के बुधु दास की गोली मार कर हत्या कर दी। बुधु को उस वक्त गोली मारी गयी, जब वह काम खत्म कर अपनी पत्नी के साथ सीएम हाउस के पास स्थित पुलिस लाइन के क्वार्टर में पहुंचा। पत्नी सुकरमणी देवी स्कूटी से उतर कर दरवाजे का ताला खोल ही रही थी कि पीछे से दो अपराधी बुधु के पास पहुंचे और उसके सिर में गोली मार कर हत्या कर दी। घटना गोंदा थाना के ठीक बगल में स्थित न्यू पुलिस लाइन में घटी है। बुधु की पत्नी कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन के दस्ते में रह चुकी है। चार वर्ष पहले उसने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। इस घटना पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू सख्त हैं। उन्होंने पुलिस महकमा को तलब किया और खरी-खरी सुनायी।

धनबाद : सुबह एसएसपी से सुरक्षा मांगी, शाम को झाविमो नेता की हत्या
धनबाद में झाविमो नेता रंजीत सिंह ने धनबाद एसएसपी को पत्र लिखकर जान माल की सुरक्षा की गुहार लगायी। सुरक्षा तो नहीं मिली, लेकिन अपराधी अपने मंसूबे में कामयाब जरूर हो गये। उसी दिन शाम को झाविमो नेता की हत्या कर दी गयी। इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही साफ-साफ नजर आयी। आठ अगस्त को कोयले के आउटसोर्सिंग का काम देख रहे रंजीत सिंह के मोबाइल पर फोन आया था कि जेल से गैंग्स आॅफ वासेपुर का आदमी बोल रहा हूं। रंगदारी नहीं देने का अंजाम बुरा होगा, जिसको खबर करना है कर लेना। रंजीत सिंह ने स्थानीय थाना को सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 10 अगस्त को एसएसपी को भी लिखित आवेदन दिया, जिसकी प्रति डीजीपी, डीआइजी और सिटी एसपी तक को भी भेजी। 21 अगस्त दिन के दो बजे रंजीत सिंह ने एसएसपी से मिलकर रंगदारी मांगे जाने की जानकारी दी। एसएसपी को पत्र लिखकर अपनी हत्या की आशंका भी जतायी थी। 21 अगस्त की ही शाम पांच बजे अपराधियों ने कुसुंडा रेलवे साइडिंग के पास रंजीत सिंह की कार पर फायरिंग करके उनकी हत्या कर दी।

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