आफताब अंजुम
गुमला। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को गुमला में विकास योजनाओं की बयार बहायी। परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में आयोजित दक्षिणी छोटानागपुर उज्ज्वला दीदी कार्यक्रम में उन्होंने 354 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने 23 विकास योजनाओं का उद्घाटन और 37 का शिलान्यास किया। इसके अलावा 7244 लोगों के बीच 31 करोड़ 47 लाख की परिसंपत्ति का वितरण किया। कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि मनरेगा मजदूरों को समय पर पैसा देनेवाला झारखंड देश का पहला राज्य है। यह टीम झारखंड के कारण संभव हो सका। बकौल सीएम, जब उन्होंने इस राज्य की कमान संभाली, तब इज आॅफ डूइंग बिजनेस मेें यह राज्य 29वें स्थान पर था। साढ़े चार साल में यह चौथे स्थान पर आ गया। कई मामलों में तो यह राज्य 10 या उससे ऊपर के स्थान पर है। उज्जवला योजना के तहत दूसरा गैस रिफिल देनेवाला यह राज्य पूरे देश में पहला है।
सीएम ने कहा कि नौ सितंबर को रांची में 70 सखी मंडलों का सम्मेलन बुलाया गया है। एक सप्ताह के अंदर पंचायत स्तर पर उज्ज्वला दीदी की नियुक्ति कर दी जाये। वो सर्वे करके यह पता करेंगी कि किसके घर में गैस सिलिंडर पहुंचा और किसके यहां नहीं। वे सूची तैयार करेंगी।
कांग्रेस, झामुमो पर बरसे रघुवर
सीएम ने कहा कि आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन का नारा देकर कांग्रेस और झामुमो सिर्फ वोट बैंक समझती रही। हमारी सरकार आदिवासियों की फिक्र करती है। यही वजह है कि गैस वितरण के बाद झारखंड में वन आच्छादन का क्षेत्रफल बढ़ा है। साढ़े चार साल पहले झारखंड में 29 फीसदी वन क्षेत्र थे, जो अब बढ़ कर 34 फीसदी हो गये हैं। यह बढ़ोत्तरी एलपीजी सिलिंडर के वितरण के कारण हुई है। विकास के मामले में देश में झारखंड अव्वल राज्य बने, इस दिशा में सरकार काम कर रही है। इस इलाके की महिलाएं डायन-बिसाही के आरोप में मार दी जाती थीं। अब इस पर भी रोक लगेगी। दो लाख से ज्यादा सखी मंडलों के हाथ में अभी स्कूल ड्रेस बनाने का काम है। अब रेडी टू इट का काम भी इन्हें ही सौंपा जायेगा, जो पांच सौ करोड़ का है। गांव का चेहरा, बदले इसके लिए मैंने प्रतिज्ञा की है। हमको हर हाल में गरीबी मिटाना है।
झारखंड की महिलाएं किसी से कम नहीं हैं
सीएम ने कहा कि झारखंड को ओडीएफ बनाकर यहां की रानी मिस्त्रियों ने दिखा दिया है कि यहां की महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। परिवार की कुटुंब व्यवस्था को चलाने का काम नारी शक्ति करती है। हमारी माताओं और बहनों को ऐसा संस्कार मिला है कि कष्ट सहकर भी जीवन जीने की ताकत उनके पास है। राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्र का सर्वांगीण विकास कर उन्हें रोजगार और स्वरोजगार देना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि गांव और शहर की खाई को पाटना सरकार की प्राथमिकता है। शहरों के साथ गांव भी जगमग करे इसका काम चल रहा है। काम पूरा होने के बाद हर गांव स्ट्रीट लाइट से चमकेगा। जहां पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है, वहां बोरिंग करके पीने के पानी की व्यवस्था की जायेगी। सरकार हर घर तक पाइपलाइन से पीने का पानी पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है। क्योंकि पानी का दर्द महिलाएं समझती हैं, पुरुष नहीं समझता। वर्ष 2024 तक कोई ऐसा घर नहीं होगा, जहां पीने का पानी पाइपलाइन से न पहुंचा हो। गांव में पेवर ब्लॉक से सड़के बनेगी। झारखंड की अपेक्षाओं को पूरा करने का काम सरकार कर रही है। संथाल हो या कोल्हान, झारखंड से गरीबी को समाप्त करने के लिए सरकार काम कर रही है। पहले झारखंड में जहां कृषि की विकास दर नेगेटिव थी, वहां अब यह बढ़कर 14 प्रतिशत हो गयी है। सरकार का 2022 तक किसानों की आय दुगुना करने का लक्ष्य है और इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है। समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाना सरकार का ध्येय है। विकास में एक-एक झारखंड वासी अपना योगदान करे और नया झारखंड बनाये। उन्होंने कहा कि झारखंड एक अमीर राज्य है, लेकिन इसकी कोख में गरीबी पलती है। झारखंड की दीदीओं में लौह तत्व की कमी है और जागरुकता बढ़ाकर इसे दूर किया जा सकता है।
देश के 468 एकलव्य विद्यालयों का शिलान्यास रांची से
देश के 468 एकलव्य विद्यालयों का शिलान्यास रांची से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इनमें 14 झारखंड के होंगे। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उस दिन झारखंड विधानसभा के नये भवन का भी उद्घाटन होगा। उन्होंने बताया कि जब विधानसभा बनाने के संबंध में पीएम को बताया गया था, तो उन्होंने कहा था कि विधानसभा का भवन ऐसा बने, जिस पर देश को नाज हो।
अर्जुन की तरह लक्ष्य पर निशाना साध गये सीएम
अजय शर्मा
गुमला। मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनावी जंग में कूद चुके हैं। गुमला के बख्तर साय मुंडल सिंह स्मृति भवन के सभागार में उन्होंने जो कुछ कहा, उसके संकेत यही हैं कि इस चुनाव में भाजपा ने जो लक्ष्य तय किया है, उसको पाने के लिए वह हर संभव तरकीब अपनायेगी। सीएम को अभी सिर्फ और सिर्फ 65 पार दिख रहा है। मंगलवार को गुमला में प्रमंडलीय विधानसभा और मंडल कोर कमिटी की बैठक में सीएम ने कार्यकर्ताओं को जो मंत्र दिये, उसे सरजमीं पर उतार दिया गया, तो इस लक्ष्य को हासिल करना कोई कठिन काम नहीं होगा।
सभागार खचाखच भरा था, इसलिए सीएम उत्साहित थे। उन्होंने सिर्फ और सिर्फ विकास योजनाओं के लाभुकों के घरों के दरवाजे खटखटाने को कहा। जो कुछ वह बताना चाहते थे, उस बूटी को कार्यकर्ता गांठ बांध ले गये। जिस जगह पर यह सम्मेलन हुआ, यह आदिवासी बहुल है। माना जाता है कि भाजपा की पकड़ आदिवासियों में कम है। सीएम ने संकेत दिया कि उनकी सरकार आदिवासी विरोधी नहीं है। दूसरी पार्टियां तो आदिवासियों को वोट बैंक समझती रही हैं। असल शुभचिंतक तो भाजपा है। भाजपा के लिए गुमला, खूंटी, सिमडेगा और संथाल के कुछ जिले जीत की राह में रोड़ा बन सकते हैं। इन रोड़ों को हटाने का पूरा प्रयास सीएम कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि पिछली बार जो सीटें मिलीं, उससे अधिक सीटें हर हाल में भाजपा की झोली में आ जायें। दक्षिणी छोटानागपुर में विधानसभा की 15 सीटें हैं। इनमें से नौ पर भाजपा और एक पर आजसू का कब्जा है।
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