रांची। झामुमो कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने जिस नाभी से ज्ञान लेकर अपनी बदलाव यात्रा शुरू की थी, उसी नाभी में रघुवर दास ने तीर मार दिया है। अपने विधानसभा क्षेत्र बरहेट से पिछले 26 अगस्त को झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने पूरे तामझाम के साथ बदलाव यात्रा की शुरुआत की थी।
अभी उनकी यात्रा का पहला चरण पूरा ही हुआ था कि अगले ही दिन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बरहेट में ही अपनी चौपाल लगा दी। सिर्फ चौपाल ही नहीं लगायी, बल्कि वहां के ग्रामीणों संग बैठकर भोजन भी किया और बातचीत के दौरान यह भी बता दिया कि उनकी बेहतरी का दावा करनेवाले हेमंत सोरेन ने कैसे उनकी 500 करोड़ की जमीन हथिया ली है। दरअसल यह पूरी लड़ाई झामुमो के अभेद्य किले संथाल परगना को भेदने की है। इसमें पहला किला रघुवर दास और भाजपा ने पहले ही दुमका में गुरुजी शिबू सोरेन को लोकसभा चुनाव में शिकस्त देकर जीत लिया है। अब लड़ाई है पूरे किले पर कब्जे की। भाजपा ने इसे लेकर पूरी ताकत झोंक दी है। सीएम रघुवर दास खुद इसे लेकर कार्यक्रम तय कर रहे हैं और वहां पहुंच रहे हैं। साहेबगंज और गोड्डा के बाद पुन: बुधवार को वह पाकुड़ में अपनी चौपाल लगायेंगे। यहां यह भी बताना जरूरी है कि भाजपा ने संथाल के लिए पूरी टीम ही तैयार कर ली है, ताकि प्रतिदिन वहां कोई न कोई कार्यक्रम होता रहे। वहीं, झामुमो के सामने परेशानी है कि अकेले हेमंत सोरेन कहां-कहां मोर्चा संभालें।
मंगलवार से वह उत्तरी छोटानागपुर में अपनी बदलाव यात्रा शुरू कर चुके हैं। इसके बाद अपना दूसरा किला बचाने कोल्हान जायेंगे। इधर भाजपा संथाल में पूरी मजबूती के साथ झंडा गाड़ने में लगी है। ऐसे में कहा जा सकता है कि झामुमो के लिए चुनौती आसान नहीं होगी, उसकी राह की मुश्किलें बढ़ती ही दिख रही हैं।
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