रांची। संसद से पारित कृषि विधेयक कानून को किसान विरोधी बताते हुए प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व में सोमवार को विरोध मार्च निकाला गया। यह मार्च मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका से लेकर राजभवन तक निकाला गया। इसके बाद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें कांग्रेसी हाथों में तख्ती भी लिये हुए थे। इसमें लिखा था- तुम जमीन पर जुल्म लिखो, हम आसमां पर इंकलाब लिखेंगे…। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, मंत्री आलमगीर आलम, सांसद धीरज साहू, विधायक प्रदीप यादव, विधायक बंधु तिर्की और विधायक इरफान अंसारी शामिल थे। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि भाजपा देश के किसानों को मार रही है। केंद्र सरकार का यह काला कानून किसानों के हित में नहीं, बल्कि उनके डेथ वारंट पर किया गया भाजपा का हस्ताक्षर है। विरोध मार्च में झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, महागामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह, बरही के विधायक उमाशंकर अकेला सहित सैकड़ों कांग्रेसी उपस्थित थे। इससे पहले बापू वाटिका में उपस्थित तमाम कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार का बिल किसान विरोधी है। यह संघीय ढांचे पर बड़ा हमला है। कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों के हित के लिए लड़ती रही है। 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून को लाकर यूपीए सरकार ने किसानों के हित में बड़ा काम किया था, लेकिन मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता में आते ही अध्यादेश लाकर किसानों पर पहला प्रहार किया।
जमींदारी प्रथा को मिलेगा बढ़ावा: आरपीएन
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि जिस जमींदारी प्रथा को कांग्रेस ने 70 साल पहले खत्म किया, उसी को भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार थोपने जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के 62 करोड़ किसानों के साथ खड़ी है। जब तक इस काले कानून को वापस नहीं ले लिया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
कृषि से जुड़े लोग बेरोजगार होंगे: डॉ रामेश्वर
प्रदेश अध्यक्ष सह मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र ने जो तीन कृषि बिल बनाया है, वे किसान विरोधी हैं। इस बिल से देश की सभी मंडियां पूंजीपतियों के सामने टिक नहीं पायेंगी।
जनता से मोदी सरकार ने झूठ बोला: आलमगीर
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मोदी सरकार जब से सत्ता में आयी है, तब से हर चीज में परिवर्तन भाजपा का निजी हित है। हर बार मोदी सरकार ने देश की जनता को झूठ ही बोला है।

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