रांची। सहायक पुलिस और लैंड म्यूटेशन बिल पर विपक्ष का आक्रोश समझ से परे है। सहायक पुलिस का पाप हमारे विपक्ष के साथियों का है। हम पिछली सरकार के पाप का खामियाजा भुगत रहे हैं। झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह समय कोरोना संक्रमण का है। हमारे मंत्री मिथिलेश ठाकुर का इम्यून सिस्टम मजबूत है। उन्होंने मोरहाबादी मैदान जाकर सहायक पुलिसकर्मियों से बातचीत की। बातचीत में मुद्दों पर सहमति भी बनती है, पर बाद में पता नहीं कौन सा बवंडर चलता है और वे आक्रोशित हो जाते हैं। जब सत्ता पक्ष के प्रतिनिधि सहायक पुलिसकर्मियों को समझाने जाते हैं, तो उनके आने के बाद विपक्ष के लोग मोरहाबादी मैदान में मंडराने लगते हैं। सरकार और प्रशासन की मजबूरी बनती है कि उन्हें उदंडता से रोकें। मानवता की वजह से सरकार सभी के विषय में सोचती है। हमने कोई कानूनी कार्रवाई उनके खिलाफ नहीं की है। सहायक पुलिसकर्मियों को भड़का कर उनका भविष्य खराब किया जा रहा है। हठधर्मिता और गलत चीजों पर सरकार मौन नहीं रह सकती। सरकार की सहनशीलता का विपक्ष परिचय न ले।
उन्होंने कहा कि सहायक पुलिसकर्मियों के जमावड़े से कोरोना फैलने का खतरा है। सरकार सहायक पुलिसकर्मियों के प्रति संवेदनशील है और विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों की ओर से मोरहावादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जाती है। यह ओछी राजनीति है।

सहायक पुलिसकर्मियों के संबंध में मुख्यमंत्री को पहल करनी चाहिए : सुदेश
आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सहायक पुलिसकर्मियों के बीच कोरोना फैलने और उनके भविष्य की इतनी ही चिंता सता रही है, तो उन्हें इस दिशा में पहल करनी चाहिए। उनके प्रति नरम रवैया अपनाना चाहिए।

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