गढ़वा। लातेहार के दुर्गम इलाके में स्थित बूढ़ापहाड़ पिछले तीन दशकों तक नक्सलियों का गढ़ था। बीते दिनों ही सुरक्षा बलों ने इलाके को नक्सलियों के कब्जे से मुक्त कराया है। इसके साथ ही इस इलाके के ग्रामीणों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की कवायद भी शुरू हो गयी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर गढ़वा उपायुक्त रमेश घोलप ने बरगढ़ प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) विपिन कुमार भारती सहित खाद्य आपूर्ति अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी सहित प्रशासन के कई लोगों को बूढ़ापहाड़ से सटे तुरेरा और तुमेरा गांव जाने का निर्देश दिया।
बिना सुरक्षा के गांव पहुंचे पदाधिकारी
अधिकारियों ने वहां पर मेडिकल कैंप और शिविर लगा कर ग्रामीणों की समस्याओं को तो सुना ही, साथ ही साथ सरकारी योजनाओं की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस की उपस्थिति में शिविर लगाया जाये, लेकिन सभी अधिकारी बगैर सुरक्षा के ही बीस किलोमीटर घने जंगल होते हुए बूढ़ापहाड़ के समीप तुरेरा और तुमेरा गांव पहुंचे।
ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ
बेरोजगारों और मजदूरों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जायेगा। पशुधन योजना, गोल्डन कार्ड, आवास, फसल राहत आदि योजनाओं की जानकारी भी दी गयी। अधिकारियों ने सभी योजनाओं के लिए फॉर्म भी भरवाये। डोर टू डोर जाकर अधिकारियों ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि सभी बेरोजगार, मजदूरों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जायेगा। इस दौरान ग्रामीणों से विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, जॉब कार्ड, राशन फॉर्म के लिए भी आवेदन लिये।
सीएम हेमंत ने दिया था निर्देश
शिविर लगा कर ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्देश दिया था। बूढ़ापहाड़ को नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त करने के तुरंत बाद 24 सितंबर को ही मुख्यमंत्री ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलायी थी। इस दौरान हेमंत ने आला अधिकारियों को निर्देश दिया था कि न केवल बूढ़ापहाड़ बल्कि पारसनाथ और सारंडा समेत नक्सल प्रभावित इलाकों में शिविर लगा कर ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं का लाभ दें। उन्हें बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें। इससे पुलिस के प्रति लोगों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और उग्रवादी घटनाओं को आम जनता के सहयोग से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।