आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष के रेस में शामिल होने के बाद राजस्थान का सियासी पारा गरम है। कांग्रेस की आंतरिक कलह एक बार फिर जगजाहिर हो रही है। गहलोत गुट के विरोध के बाद से पायलट के हाथ से एक बार सत्ता छीनती नजर आ रही है। प्रदेश में मचे इस घमासान के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जयपुर से लौटे पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन के साथ बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। बैठक के बाद अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के स्पष्ट निर्देश थे कि एक-एक कर विधायकों से बात करें। उनकी राय जानकर रिपोर्ट दें। फैसला 19 अक्टूबर के बाद ही लिया जाना था, लेकिन विधायक अपनी बात पर अड़े रहे। विधायकों को कहना था कि सभी से सामूहिक रूप से बात की जाए। उनकी मांग को एजेंडे में शामिल किया जाए। कांग्रेस के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है। गहलोत गुट के विधायकों ने अनुशासनहीनता की है। माकन ने कहा कि पूरी रिपोर्ट सोनिया गांधी को दी है। उन्होंने हमसे लिखित रिपोर्ट मांगी है। अब वह इस पर फैसला लेंगी।

अध्यक्ष की रेस से बाहर अशोक गहलोत:
कांग्रेस के अध्यक्ष पद की रेस राजस्थान संकट के चलते रोचक हो गयी है। अशोक गहलोत का सीएम पद का मोह अब उन पर भारी पड़ता दिख रहा। कांग्रेस अध्यक्ष की रेस से उन्हें बाहर कर दिया गया है। कांग्रेस के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाइकमान की इच्छा के विपरीत जाकर अशोक गहलोत का 82 विधायकों के इस्तीफा का दांव चलना गांधी परिवार को अच्छा नहीं लगा है। ऐसे में उन्हें लेकर अब गांधी परिवार रिस्क नहीं ले रहा है। अब उन्हें अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर दिया गया है। यही नहीं चचार्एं तो यहां तक हैं कि अब सीएम पद पर भी किसी और नेता को लाया जा सकता है।

अध्यक्ष के लिए ये नाम आये चर्चा में:
दरअसल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सोमवार से नामांकन की शुरूआत होनी थी, लेकिन अब तक किसी ने नहीं किया है। राजस्थान में आये सियासी संकट ने अध्यक्ष पद की रेस को भी उलझा दिया है। एक तरफ राजस्थान को लेकर पसोपेश की स्थिति है तो वहीं अध्यक्ष के तौर पर भी अब हाईकमान किसी और भरोसेमंद पर दांव लगाने पर विचार कर रहा है। अब कहा जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल जैसे नामों पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल सोनिया गांधी और राहुल गांधी मंथन कर रहे हैं कि किसे अध्यक्ष चुनाव के लिए समर्थन किया जाए। इससे पहले अशोक गहलोत पर गांधी परिवार ने मन बना लिया था, लेकिन उनकी हरकत से वह अपमानित और भरोसे पर चोट जैसा महसूस कर रहा है।

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