रांची। निशिकांत दुबे-मंजूनाथ भजंत्री प्रकरण में झारखंड में नेताओं और अफसरों के बीच टकराव की स्थिति बन गयी है। देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री पर सांसद निशिकांत दुबे की ओर से करायी गयी प्राथमिकी से झारखंड की आइएएस बिरादरी भड़की हुई है। उधर डीसी की ओर से सांसद पर करायी गयी एफआइआर से नेताओं में भी उबाल है। बेबाक बात रखनेवाले विधायक सरयू राय अब इस मामले में कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा है कि आइएएस बिरादरी को देवघर हवाई अड्डा प्रकरण में देवघर डीसी के आचरण की जांच अपनी ही कसौटी पर करनी चाहिए। एक समिति बना कर तय हो कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के नियमों के मुताबिक डीसी का कृत्य विधिसम्मत है या नहीं। सांसद के साथ ट्विट प्रतिस्पर्धा में उलझना आइएएस आचरण की सीमा मर्यादा के अनुरूप है या नहीं।
पुलिस द्वारा या पुलिस के यहां एफआइआर नहीं हो सकती
गौरतलब है कि देवघर एयरपोर्ट पर दबाव बना कर एटीसी क्लीयरेंस लेने के आरोप में डीसी ने निशिकांत दुबे, उनके दो बेटों और सांसद मनोज तिवारी समेत नौ लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी है। इस पर सरयू राय ने कहा कि एयरपोर्ट संबंधी सुरक्षा शिकायतों का निपटारा डीजीसीए सुरक्षा प्रभाग के नियमों के अधीन होता है। डीसी, एसपी, एमपी, एमएलए का क्षेत्राधिकार इसमें नहीं है। नियमानुसार पुलिस द्वारा या पुलिस के यहां एफआइआर नहीं हो सकती है। भारतीय प्रशासनिक या पुलिस सेवा के अधिकारी से इसकी अनदेखी की कल्पना नहीं की जा सकती है।
डीसी और सांसद के बीच ट्विटर पर चली लंबी बहस
डीसी और सांसद की ओर से एफआइआर होने के बाद दोनों के बीच ट्विटर पर लंबी बहस चली थी। डीसी ने ट्विट किया था कि एटीसी बिल्डिंग के अंदर बिना किसी अनुमति के यात्रियों के प्रवेश को लेकर डीसी आॅफिस को पत्र मिला है। इस पर रिप्लाई करते हुए सांसद ने कहा था कि आप किस हैसियत से एयरपोर्ट के अंदर गये थे। इस पर डीसी ने कहा कि मैंने वैध प्रवेश पास लेकर एयरपोर्ट टर्मिनल में प्रवेश किया था। डीसी देवघर हवाई अड्डे के निदेशक मंडल के सदस्य भी हैं। सांसद ने फिर रिप्लाई करके कहा कि आपने राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन किया है। इसके बाद भी दोनों के बीच लंबी बहस चली।