आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। डीजीपी नीरज सिन्हा रविवार को बूढ़ा पहाड़ पहुंचे और झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के जांबाज जवानों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सलियों के लिए कोई जगह नहीं है और उन पर चौतरफा प्रहार जारी रहेगा। सुरक्षा बलों के मनोबल और इच्छाशक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रतिकूल मौसम, भारी बारिश और आंधी तूफान के बावजूद अभियान जारी है और नक्सली भाग रहे हैं। डीजीपी के नेतृत्व में एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर, आइजी सीआरपीएफ अमित कुमार, आइजी अभियान अमोल वेणुकांत होमकर, एसपी शिवानी तिवारी हेलीकॉप्टर से बूढ़ा पहाड़ पहुंचे। सभी अधिकारियों ने माओवादी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति बनायी। साथ ही सुरक्षा बलों के कैंप का निरीक्षण कर जांबाज जवानों को पुरस्कृत कर हौसला बढ़ाया। उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया। सुरक्षा बलों के द्वारा उन्हें पूरी सुरक्षा दी जायेगी। उन्होंने ग्रामीणों के बीच रोजमर्रा की चीजों का वितरण भी किया। बता दें कि यह इलाका झारखंड छत्तीसगढ़ सीमावर्ती माओवादी नेताओं की शरण स्थली रहा है। इस सुरक्षित पनाहगार में माओवादियों के पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी के सदस्य विध्वंसक कार्रवाई की रणनीति बना कर घटना को अंजाम देते थे। बरामद बंकर और शस्त्रागार सुरक्षा बलों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है। नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप के रूप में मशहूर इस इलाके से कई फौजी दस्ते तैयार कर झारखंड के दूसरे क्षेत्रों में भेजे जाते थे। संयुक्त अभियान दल कोबरा, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ के साथ लातेहार-गढ़वा पुलिस ने पहाड़ के निचले हिस्से में रणनीति के तहत पहले धीरे-धीरे कैंप स्थापित किया। फिर धीरे-धीरे आगे बढ़े और अंतत: बूढ़ा पहाड़ को अपने कब्जे में कर लिया।

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