-जमीन से जुड़े हजारों लोगों के संघर्ष के बाद अब करम परब पर लाखों चेहरे पर मुस्कान, खुशी लौटने का भरोसा
रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि झारखंड सरकार द्वारा पेसा कानून को अंतिम रूप देना वैसा क्रांतिकारी कदम है, जो प्रदेश के जमीनी हालात और यहां के गांवों की तस्वीर बदलने के साथ ही ग्रामीणों के चेहरे पर मुस्कान लौटाने में सफल होगा।
करम परब के अवसर पर झारखंडवासियों को दिये गये पेसा कानून के उपहार के लिए सकारात्मक, मजबूत और निर्णायक कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए श्री तिर्की ने कहा कि राजीव गांधी के कारण ही पंचायती राज कानून लागू हुआ था, जिससे ग्रामीणों को उनका अधिकार मिला और पेसा कानून भी कांग्रेस की ही देन है।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों और पारंपरिक ग्राम सभाओं के अधिकारों को लेकर विरोधाभास था, जिसका आदिवासियों द्वारा विरोध किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही पांचवीं अनुसूची के तहत आनेवाले क्षेत्रों के लिए 1996 में पेसा कानून बनाया था। इसके बाद सभी संबंधित राज्यों को इससे संबंधित कानून एक साल के अंदर बनाना था, पर भाजपा शासित राज्यों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
श्री तिर्की ने कहा कि सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही हमेशा से ग्रामीणों, आदिवासियों, पिछड़े, दलितों, अल्पसंख्यकों आदि के कल्याण के प्रति समर्पित रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा महत्वपूर्ण कदम उठाना केवल कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार के बस की ही बात थी अन्यथा जिस भारतीय जनता पार्टी ने 15 नवंबर 2000 को झारखंड गठन के बाद से अब तक लगभग 23 साल के कार्यकाल में अधिकांश समय तक शासन किया। वह आमजन की इस आकांक्षा को जरूर पूरा करती। लेकिन भाजपा मूलत: वैसे तत्वों की पार्टी है, जो आम लोगों एवं ग्रामीणों का केवल शोषण करना ही जानती है, इसीलिए भाजपा सरकार के शासनकाल में ऐसा कानून बना ही नहीं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पेसा कानून के संदर्भ में सरकार का सबसे महत्वपूर्ण कदम यह रहा कि उसने पिछले 31 अगस्त तक आम जनता और संगठनों से आपत्तियां और सुझाव की मांग की थी और उसके अनुरूप उसने व्यावहारिक सुझावों को भी इस पेसा कानून में शामिल किया है, जो प्रशंसनीय कदम है।

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