-आजसू पार्टी का तीन दिवसीय राष्ट्रीय महाधिवेशन शुरू 
-आजसू प्रमुख ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को भी इस समागम के लिए आमंत्रित किया गया है
-महाधिवेशन में सात निश्चय पर होगी चर्चा 
सुनील कुमार सिंह
रांची। आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड अलग राज्य का सपना जिस बुनियाद पर रखा गया था, वह कहीं न कहीं पूरा नहीं हुआ है। लंबे संघर्ष एवं रक्त रंजित आंदोलनो से गुजर कर हम सब ने अपने एक अलग झारखंड राज्य पाया। सन 2000 में झारखंड के जन्मोत्सव पर खूब जश्न मना ढोल और नगाड़ों की आवाज से गांव से लेकर जंगल-पहाड़ तक झूम उठे। इस समय लोगों का उत्साह चरम पर था। वह अपने आंखों में विश्वास और सपनों का उदय होते हुए देख रहे थे। इस  समय उन सपनों को राजनीतिक प्लेटफार्म पर कार्य रूप देना था। हमें भी इस प्रदेश के अंदर में इस राज्य के नवनिर्माण के लिए उस समय तत्कालीन सरकारों में एक सीमित प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला, सीमित प्रतिनिधित्व था लेकिन ऊर्जा की कोई सीमा नहीं थी।  हमने राज्य के हित नीतिगत निर्णय से लेकर राज्य के आधारभूत संरचना के विकास के लिए मिले हुए दायित्व का निर्वहन किया है। प्रदेश आगे बढ़ता गया जनमत के आधार पर कई सरकारें  आयी,  सरकारें बनी, लेकिन जैसे-जैसे समय बिता गया लोगों का अरमान-आकांक्षा और आंदोलन के औचित्य के विचार कमजोर पड़ता गया। सुदेश शुक्रवार को पार्टी के तीन दिवसीय राष्ट्रीय महाधिवेशन के शुभारंभ पर बोल रहे थे।

सुदेश ने कहा कि इस राज्य में बसर करने वाले एसटी एससी और ओबीसी जैसे रहने लोगों का विकास का सपना केवल अखबार या कार्यालयों के  उलझन में उलझा कर छोड़ दिया गया है। ऐसे समय में इस राज्य का राजनीतिक, सामाजिक शैक्षणिक रूप से जो तरक्की का मापदंड स्थापित होना चाहिए था वह नहीं हो पाया।  जल जंगल जमीन और खनिज संपदा की सुरक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोगों पर की धार कमजोर पड़ी लेकिन इसके साथ-साथ वह विचार भी सुषुप्त पड़ा है। उन्होंने कहा कि मैंने इन सभी विषयों पर विचार करते हुए जो वर्तमान हालात इस प्रदेश में बना है उन सभी विषयों पर बिंदुवार रूप से हमारे प्रतिनिधियों ने समीक्षा करते हुए राज्य के ज्वलंत विषयों को इस तीन दिन के अंदर राजनीति कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, विशेषज्ञों के साथ मिलकर के आने वाले समय के लिए विचारों का निर्णय लिया है।  इसके लिए हम लोगों ने सात निश्चय रखे है इसपर सभी लोग अलग-अलग विषयों पर अपने विचार रखेंगे।
महतो ने कहा कि हमने अपना दिल बड़ा करते हुए इस महाधिवेशन को सिर्फ दल और दल के कार्यक्रम और दल के निशान तक सीमित नहीं रखा है। इस महाधिवेशन को राज्य का अधिवेशन और तीन दिन के कार्यक्रम को राज्यव्यापी बनाने का निश्चय सभी लोगों ने लिया है। तीन दिनों के अंदर राजनीतिक कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता और विशेषज्ञों के साथ मिलकर आने वाले समय के लिए इस राज्य के हित में एक निर्णय तक विषयों को विचारों का संग्रह करने का निर्णय लिया है। इसी निर्णय के तहत आने वाले तीन दिन यहां प्रतिनिधि के रूप में आप सभी लोग अलग-अलग विषयों पर अपनी राय रखेंगे।  अपने दिल को बड़ा करते हुए विभिन्न दलीय नेताओं को शामिल होने राज्य के प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को भी इस समागम के लिए आमंत्रित किया है। प्रमुख राजनीतिज्ञों को भी इस प्लेटफार्म के माध्यम से राज्य के नीति में अपने विचार रखने का आग्रह किया है।  यह सभी विचार तीन दिन में अलग-अलग समय पर आएंगे। मुझे पूरा विश्वास है इस राज्य के हित में इस राज्य के भावी कार्यक्रम भावी रणनीति के लिए विचारों का एक छोड़ जाना जरूरी है। और यह विचार आएंगे तो निश्चित रूप से आजसू जैसा संघर्षशील संगठन जिन्होंने इस प्रदेश को अपनी कुर्बानियों के बदौलत इस प्रदेश को मुक्त कराया।  इसलिए फिर से सड़कों पर खड़ा होकर आंदोलन करने का निर्णय लेंगे।  हम लोग चुनौतियों को ही स्वीकार करते हुए आगे बढ़े हैं और आगे बढ़ेंगे।

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