रांची। सांसद संजय सेठ ने कहा कि आईएनडीआईए गठबंधन के नेताओं की ओर से लगातार सनातन पर हमला बोला जा रहा है। सनातनी भावनाओं पर कुठाराघात किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इन नेताओं की ओर से सनातन को मिटाने की बात कही जा रही है। इन्हें सोचना चाहिए की जो सनातन मुगलों की तलवार से नहीं मिटा। अंग्रेजों के अत्याचार से नहीं मिटा, वह सनातन उनके बोलने भर से मिट जाएगा।

सांसद शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आईएनडीआईए गठबंधन से जुड़े उन तमाम दलों को अपने-अपने राज्य की जनता के समक्ष सफाई देना चाहिए। मैं झामुमो और कांग्रेस के झारखंड के नेताओं से मांग करता हूं कि यह जनता के सामने बताएं कि सनातन को मिटाने का जो बयान दिया गया है। उस पर इनका क्या स्टैंड है? इन्हें अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि झारखंड की आईएनडीआईए गठबंधन वाली सरकार के द्वारा कुछ दिन पहले राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन किया गया। विभिन्न पदों पर उनकी नियुक्तियां की गई। निश्चित रूप से लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए यह अच्छा है लेकिन इसके बाद धार्मिक न्यास बोर्ड ने जिस तरह के कदम उठाने शुरू किए, वह सनातनी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाला है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से पहाड़ी मंदिर में समिति का गठन किया गया, मेन रोड में संकट मोचन मंदिर में समिति का गठन किया गया, यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। इस धार्मिक न्यास बोर्ड ने राजनीतिक आड़ में भारतीय संविधान का भी मजाक उड़ाया है और हमारी महंत परंपरा को भी चुनौती दी है। इन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि मंदिर राजनीति का अखाड़ा नहीं है। मंदिरों में ये राजनीति नहीं करें।

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