-जेएमएम का बाबूलाल मरांडी पर हमला:
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को निशाने पर लिया। पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डुमरी विधानसभा के उपचुनाव में इस बार धनतंत्र के भाजपा, एनडीए को आड़े हाथों लेते कहा कि लोकतंत्र में पैसे, प्रलोभन, छलावा से चुनाव नहीं जीता जाता। जनता के आशीर्वाद से चुनाव जीता जाता है। उन्हें खुशी है कि डुमरी की जनता का आशीर्वाद स्व. जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी के साथ है।
बाबूलाल पर हमला बोलते हुए कहा कि पता नहीं क्यों, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी डर जाते हैं? वह अनर्गल बातें करने लगते हैं। उन्होंने दो लोगों के अपहरण की बात कही है। इस संदर्भ में डीजीपी से उन्होंने बातचीत की है, यह भी कहते हैं। पर किस थाने में इस अपहरण की सूचना दी गयी, ये बता नहीं पाते। जिनकी बातें की जा रही हैं, उसको सत्यापित भी नहीं कर पाते। मतलब अजीब विडंबना है।

झारखंड की अस्मिता को प्रभावित करनेवाले मगरमच्छ के आंसू बहा रहे
सुप्रियो ने कहा कि डुमरी विधानसभा उपचुनाव में उनके तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा कसरत करने के बावजूद लोग उन्हें रिजेक्ट कर रहे हैं। जन-प्रतिरोध इतना है कि जगह छोड़ कर भाग जा रहे हैं। ये लोग केवल कागजों पर कह कर लोगों के बीच भ्रम फैला रहे हैं। पैसे देकर उम्मीदवार खड़े करनेवाले, पैसे देकर प्रचार करनेवाले, लोगों के बीच में जातीय और सांप्रदायिकता का विद्वेष फैलानेवाले, ओबीसी के आरक्षण को घटानेवाले, झारखंड की अस्मिता को प्रभावित करनेवाले, इन दिनों मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं।

देश के संविधान को ही ये बदलना चाहते हैं
सुप्रियो के मुताबिक वह चाहते थे कि विपक्ष चटक हो, पर दुर्भाग्य है कि यहां विपक्ष भयभीत है, डरा-सहमा हुआ है, इनका किसी चीज पर विश्वास ही नहीं है। इन दिनों वन नेशन-वन इलेक्शन की बातें कर रहे हैं। 2019 में उन्होंने देखा कि ओड़िशा में लोकसभा और विधानसभा दोनों जगहों पर बीजू जनता दल ने बाजी मार ली, आंध्रप्रदेश में दोनों जगहों पर रेड्डी की पार्टी बाजी मार कर इनका सुपड़ा साफ कर इनकी हवा ही निकाल दी। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम में भी इस बार ये साफ होने जा रहे हैं। तब इनका पैंतरा बदल गया। दरअसल ये वन नेशन-वन इलेक्शन के नाम पर बाबा साहेब के संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं। ये देश के संविधान को ही बदल देना चाहते हैं। संवैधानिक प्रावधानों को समाप्त कर देना चाहते हैं। चुनावी हार इनको डरा रही है। अनर्गल बातें करना, अनर्गल प्रलाप करना इनकी फितरत में है। सुप्रियो ने कहा कि अभी भी समय है, ये अपने में बदलाव लायें, अपने आचार-व्यवहार में बदलाव लायें। भारत के फेडरल स्ट्रक्चर को तोड़ने से बाज आयें।
सुप्रियो के मुताबिक 5 सितंबर को डुमरी विधानसभा में मतदान होना है। संयोग से उस दिन शिक्षक दिवस भी है। शिक्षा के क्षेत्र में जगरनाथ महतो ने काफी काम किया था। उन्हीं की देखरेख में शिक्षा के क्षेत्र में मौलिक-प्रगतिशील कार्य किये जा रहे थे। आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है कि उनके कार्यों को देखते हुए वहां की जनता बेबी देवी को विजयी बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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